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निराशाजनक: पिछले साल अप्रैल से नवंबर के बीच 62 फीसदी घट गया NRI डिपॉजिट

कोरोना वायरस लॉकडाउन ने भी इस रुख में कमी आने में अहम भूमिका निभाई है। भारतीय प्रवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। नौकरियों पर संकट आने के चलते लोगों ने ऐसे माध्यमों में निवेश करना बेहतर समझा जहां बेहतर रिटर्न मिलता है।

Photo by rupixen.com / Unsplash

भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार विभिन्न एनआरआई (NRI) जमा योजनाओं में शुद्ध प्रवाह साल 2021 में गिर कर अप्रैल-नवंबर के दौरान 2.6 अरब डॉलर यानी 19,429 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह राशि सात अरब डॉलर ( 52,310 करोड़ रुपये) थी।

कुल एनआरआई जमा राशि का लगभग 72 फीसदी हिस्सा अनिवाली बाहरी (NRE) खातों में है। इन्हें भारतीय प्रवासियों के लिए सुरक्षित आश्रय माना जाता है लेकिन वित्त वर्ष 2021 के पहले आठ महीनों में इनमें 62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। फेडरल बैंक के कार्यकारी निदेशक आशुतोष खजूरिया का कहना है कि घटते रिटर्न के साथ निवेश के क्षेत्र में बैंक में पैसा जमा करने की ओर रुख में कमी आई है। एनआरआई बैंक में पैसा जमा करने के बजाय म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार को पसंद कर रहे हैं।

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