ऐसा कहा जाता है कि पंजाब के लगभग हर घर से कोई न कोई विदेश में बसा हुआ है और विदेश में रहने वाले भारतीयों में बड़ी आबादी पंजाबियों की है। पंजाब भारत के संपन्न राज्यों में से एक है और विदेश में बसे भारतीयों के पास भी पंजाब में खेतिहर जमीनें हैं। उन्हें अपने पीछे छोड़ी गई संपत्ति की चिंता सताए रहती है और यह चिंता तब बढ़ जाती है जब उसको लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा हो। कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान बार-बार भारत आना संभव नहीं होता, तो ऐसे में उनकी मदद करती है पंजाब पुलिस की एनआरआई अफेयर विंग।
एनआरआई विंग के पीछे की कहानी
विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोग और एनआरआई कोर्ट में हमेशा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो पाते या जब भातर आते भी हैं तो कोर्ट कचहरी के मामले इतने लंबे खिंचते हैं कि उनके वापस विदेश जाने का वक्त आ जाता है। पंजाब पुलिस ने उनकी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए और उनके मामलों का पारदर्शी तरीके से समयबद्ध निपटारा करने के लिए एनआरआई विंग की शुरुआत की। इसकी स्थापना की दूसरी वजह स्थानीय पुलिस पर पक्षपात के लगने वाले आरोप भी हैं। अब उनसे जुड़े मामलों की जांच एनआरआई अफेयर विंग करती है। यह विंग पंजाब पुलिस मुख्यालय के कम्युनिटी अफेयर डिविजन के अंतर्गत अपना काम कर रही है।
शुरुआत में एनआरआई अफेयर विंग का नेतृत्व डीआईजी रैंक के अधिकार करते थे, लेकिन अब इसका नेतृत्व आईजीपी करते हैं। वहीं, शिकायतों के निपटारे के लिए पुलिस मुख्यालय में एक एसपी रैंक के अधिकारी की भी तैनाती की जाती है।