भारतीय भाषाओं में कई पाठ्यक्रम शुरू करने के बाद भारत सरकार अब देश भर में लॉ कॉलेजों के विकल्प का विस्तार करने की योजना बना रही है। इस मसले पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कुछ उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ इस मामले पर चर्चा शुरू कर दी है जो कानूनी पढ़ाई की पेशकश कर रहे हैं।

पाठ्यक्रम अधिकारियों ने कहा कि इस पर काम किया जा रहा है, जो भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को शिक्षा के माध्यम के रूप में पेश करने का प्रस्ताव करता है। पिछले साल अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने 19 तकनीकी कॉलेजों को क्षेत्रीय भाषाओं में चुनिंदा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी थी। इनमें से 10 ने हिंदी को चुना और बाकी ने मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ का विकल्प दिया।