अब भारत में दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय भी होगा, इसलिए होगा खास
भारत में जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा। युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय नाम का यह संग्राहलय 5,000 वर्षों के भारतीय इतिहास को बयां करेगा। इसमें 8 विषयगत खंड शामिल होंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस बात की घोषणा की है।
आइए अब जानते हैं 'युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्राहलय' की खूबियां
भारत की राजधानी दिल्ली के मध्य में साउथ एंड नॉर्थ ब्लॉक में यह संग्रहालय 1.17 लाख वर्गमीटर में फैला होगा। इसमें एक बेसमेंट होने के साथ-साथ तीन मंजिलों में कुल मिलाकर 950 कमरे होंगे।
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-कन्वेंशन सेंटर परिसर का उद्घाटन किया था। उन्होंने इसका नया नाम भारत मंडपम बताया था। इसको बनाने में कुल 2700 करोड़ रुपये का खर्च आया था। इस उद्घाटन समारोह के दौरान मोदी ने घोषणा की थी कि जल्द ही भारत को राष्ट्रीय संग्रहालय भी मिलेगा जो 5,000 वर्षों से अधिक की भारत की समृद्ध सभ्यता संस्कृति का प्रदर्शन करेगा।
इसमें 8 विषगत खंड होंगे जिसमें प्राचीन भारतीय ज्ञान, प्राचीन से मध्यकालीन, मध्यकालीन से संक्रमण चरण, आधुनिक भारत, औपनिवेशिक शासन, स्वतंत्रता संग्राम और 1947 से आगे के 100 वर्ष और आगे का दृष्टिकोण शामिल होगा। मिली जानकारी के अनुसार यह एक ऐसा संग्रहालय होगा जो भारत के भविष्य को भी प्रदर्शित करेगा।
Inaugurating the International Exhibition-cum-Convention Centre in Delhi. The Complex will serve as a gateway to global opportunities. https://t.co/O3TO1yRTvr
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2023
गत 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्राहलय दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल वॉकथ्रू लॉन्च किया था। उस वक्त पीएम मोदी ने तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का भी उद्घाटन किया था। संग्रहालय के वर्चुअल वॉकथ्रू ने एक डिजिटल अनुभव प्रदान किया है कि संग्रहालय पूरा होने के बाद इसमें उद्यान और गैलरी कैसे दिखाई देंगी। इसमें आगंतुकों को प्राचीन नगर नियोजन प्रणालियों, प्राचीन चिकित्सा ज्ञान, वेदों, उपनिषदों समेत बहुत कुछ जानकारी हासिल होगी।
वॉकथ्रू में मौर्य से गुप्त साम्राज्य, विजयनगर साम्राज्य, मुगल साम्राज्य और कई अन्य राजवंशों के शासन का उल्लेख किया गया था। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि जनपथ से राष्ट्रीय संग्रहालय की प्राचीन कलाकृतियों और अन्य समृद्ध संग्रहों को परियोजना के हिस्से के रूप में उत्तर और दक्षिण ब्लॉक की इमारतों में स्थानांतरित किया जाएगा।