वॉरेन ने क्यों कहा, AI उनके सहयोगी अजित जैन की जगह नहीं ले सकता?

दुनिया के प्रसिद्ध निवेशक और अमेरिकी अरबपति वॉरेन बफे ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बारे में गंभीर चेतावनी जारी की है। लेकिन उनका मानना है कि इसमें कभी भी ऐसा कुछ नहीं होगा जो उनके भारतीय अमेरिकी डिप्टी अजीत जैन की जगह ले सके। बफे ने शनिवार को उनकी बर्कशायर हैथवे की सालाना बैठक के दौरान ये विचार व्यक्त किए।

ओमाहा, नेब्रास्का में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए 92 वर्षीय निवेशक बफे ने कहा कि एआई उल्लेखनीय चीजें कर सकता है, लेकिन यह चुटकुले नहीं बना सकता है। उन्होंने दावा किया कि लोगों के सोचने और व्यवहार करने के तरीके को छोड़कर एआई दुनिया में सब कुछ बदल सकता है। बफे का मानना है कि एआई की अपनी लिमिट्स हैं, जैसे कि यह मजेदार जोक्स यानी चुटकुले सुनाने में असमर्थ है। हालांकि बफे ने एआई की सभी प्रकार के काम करने की क्षमता को माना है और इस पर चिंता भी जताई। बफे ने यह भी बताया कि उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स की मदद से चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने का मौका मिला।

भारत के ओड‍िशा में जन्‍में जैन ने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री की है। कुछ दिनों तक उन्‍होंने भारत में आईबीएम के सेल्‍समैन के तौर पर काम किया और कंपनी के डाटा प्रॉसेसिंग ऑपरेशंस को देखा। साल 1978 में वह अमेरिका चले गए। उन्‍होंने हार्वर्ड से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। कुछ दिनों तक मैकेंजी एंड को में काम करने के बाद उन्‍हें बफे के लिए काम करने का मौका मिला।

जैन की तारीफ करते हुए बफे ने कहा कि 1986 में शनिवार की सुबह जैन से मुलाकात हुई थी। उन्होंने जैन से पूछा था कि उनका बीमा अनुभव कैसा रहा है। उन्होंने जवाब दिया, ‘कोई नहीं’। जिसके बाद बफे ने जवाब दिया ‘कोई भी सही नहीं है’। इसके साथ उन्होंने जैन को काम पर रख लिया। उन्होंने कहा कि वह मेरा भाग्यशाली दिन था। अजीत वास्तव में उतना ही सही विकल्प था जितना बनाया जा सकता था। वह 35 साल बाद भी इससे भी बेहतर बने हुए हैं।

कंपनी के उत्तराधिकारी को लेकर चल रही चर्चा पर उन्होंने साफ किया कि ग्रेग एबेल बर्कशायर हैथवे में उनके उत्तराधिकारी होंगे। अन्य प्रमुख अधिकारियों का फैसला समय आने पर एबेल और जैन द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अजीत अपनी सर्वश्रेष्ठ सलाह ग्रेग को देंगे। मुझे लगता है कि ग्रेग द्वारा इसका पालन करने की संभावना बहुत अधिक है। एबेल और जैन को 2018 में उपाध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किए जाने के बाद से उन्हें शीर्ष दावेदारों के रूप में देखा जा रहा था। बफे ने साफ किया कि अजीत कभी भी बर्कशायर को नहीं चलाना चाहते थे।

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