Skip to content

दुनिया पर मंडरा रहा आर्थिक मंदी का बड़ा खतरा, भारत के लिए ये है राहत की बात

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारत पर इस आर्थिक संकट का असर ज्यादा नहीं होगा। ये मध्यम और कुछ समय के लिए ही हो सकता है। इसकी वजह बताते हुए वे कहते हैं कि मंदी के दौरान दुनिया में वस्तुओं की कीमतें कमी हो जाएंगी, जिससे भारत को मुश्किल वक्त में मदद मिल सकती है।

कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर अगले एक साल के अंदर आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा है। जहां अमेरिका और यूरोप में मंदी आने की 40 से 50 प्रतिशत तक संभावना देखी जा रही है, वहीं एशिया के आर्थिक संकट की चपेट में आने का खतरा 20-25 प्रतिशत बताया जा रहा है। हालांकि राहत की बात ये है कि अर्थशास्त्रियों के अनुसार भारत पर इसका असर होने की संभावना बेहद कम है। ब्लूमबर्ग ने अर्थशास्त्रियों से बातचीत के आधार पर एक सर्वे में ये नतीजे निकाले हैं।

Charting Goals
सर्वेक्षण में न्यूजीलैंड, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में क्रमशः 33 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 8 प्रतिशत तक मंदी की संभावना बताई गई है। Photo by Isaac Smith / Unsplash

सर्वे के अनुसार, पहले से ही बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के अगले एक साल के अंदर मंदी में घिरने की 85 प्रतिशत संभावना है। सर्वेक्षण में न्यूजीलैंड, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में क्रमशः 33 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 8 प्रतिशत तक मंदी की संभावना बताई गई है। इसी तरह अगले एक साल में चीन के मंदी की चपेट में आने की 20 प्रतिशत संभावना है. 25 प्रतिशत संभावना है कि दक्षिण कोरिया या जापान भी इस संकट में घिर जाएगा। कुल मिलाकर, एशिया में अगले एक साल में मंदी आने की संभावना 20-25 प्रतिशत है जबकि अमेरिका में ऐसा खतरा 40 प्रतिशत और यूरोप में 50-55 प्रतिशत है।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest