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US में राजनीति की बिसात पर भारतीय मूल के गणित शिक्षक ने क्यों फेंका पासा?

अमेरिका में इलिनोइस के रहने वाले निखिल भाटिया ने 7 वें जिले से अमेरिकी कांग्रेस के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। उन्होंने 11 वर्षों तक शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है, जिसमें मिडिल स्कूल प्रिंसिपल के रूप में पांच साल शामिल है।

निखिल भाटिया ने अमेरिकी कांग्रेस के लिए उम्मीदवारी की घोषणा की है। (फोटो : ट्विटर @AmericanKahani) 

अमेरिकी प्रतिनिधि डैनी डेविस कहते रहते हैं कि वह अगले साल कांग्रेस में 15वें कार्यकाल के लिए भी बने रहेंगे। लेकिन उन्हें लगातार चुनौती मिल रही है। उनकी सीट पर नजर रखने वाले संभावित उत्तराधिकारियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। शिकागो पब्लिक स्कूल के भारतीय मूल के गणित शिक्षक और मिडिल स्कूल के प्रिंसिपल निखिल भाटिया ने कहा है कि वह अगले साल इस पद के लिए चुनाव लड़ेंगे।

अमेरिका में इलिनोइस के रहने वाले निखिल भाटिया ने 7 वें जिले से अमेरिकी कांग्रेस के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। रिपोर्ट के अनुसार डैनी डेविस की सीट पर नजर रखने वाले संभावित उत्तराधिकारियों की सूची में शामिल होने वाले निखिल नवीनतम उम्मीदवार हैं। जिले में शिकागो के दक्षिण और पश्चिम किनारों के साथ-साथ पश्चिमी उपनगर भी शामिल हैं।

भाटिया ग्रैंड क्रॉसिंग में एक शिक्षक हैं और शिकागो में गैलीलियो स्कोलास्टिक अकादमी में एक निर्वाचित स्थानीय स्कूल काउंसिल के सदस्य हैं। उन्होंने 11 वर्षों तक शहरी शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है, जिसमें मिडिल स्कूल प्रिंसिपल के रूप में पांच साल शामिल है। उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय से यूशिकागो के हैरिस स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में अपने मास्टर हाल ही में पूरे किए हैं। उन्होंने यहां इस विषय पर अध्ययन किया है कि समुदायों का दमन करने वाले व्यवस्थित मुद्दों से कैसे निपट सकते हैं। उनका कहना है कि मैं सामाजिक प्रभाव बनाने के लिए सामाजिक न्याय और डेटा विश्लेषण में विशेषज्ञता के लिए अपने जुनून को जोड़ना चाहता हूं।

भाटिया ने अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ने के कारणों के बारे में बताते हुए कहा है कि हालांकि उन्होंने अपना पूरा करियर शहरी शिक्षा में बिताया है। लेकिन हमारे सभी बच्चों को कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इनमें कम वित्त पोषित स्कूल, बंदूक हिंसा की बढ़ती संस्कृति, जलवायु परिवर्तन, महिलाओं और एलजीबीटीक्यू छात्रों के अधिकार आदि शामिल हैं। उनका कहना है कि हमें इन मुद्दों पर समाधान की आवश्यकता है जो क्लासरूम से परे हो। ऐसा करने के लिए हमें यह बदलने की जरूरत है कि हम वाशिंगटन में किसे भेज रहे हैं। बदलाव इंतजार नहीं कर सकता।

भाटिया का कहना है कि हमारे बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य प्रदान करने का मतलब है कि हम एक ही राजनेता को लगातार वाशिंगटन नहीं भेज सकते हैं। अगर हम ऐसा करते हैं तो एक अलग परिणाम की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। हमें ऐसे नेताओं की जरूरत है जो आज की चुनौतियों से जुड़ सकें, उनसे लड़-भिड़ सके। साथ ही बेहतर कल बनाने के लिए नए विचार रख सके। निखिल और उनकी पत्नी एलिसन दो छोटे बच्चों के माता-पिता हैं।

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