भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों की यादों को संजोने वाला, उनकी कहानी बताने वाला 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' बनकर तैयार हो चुका है। 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। राजधानी नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में स्थित इस संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में न केवल विस्तार से बताया गया है, बल्कि उनके कार्य भी प्रदर्शित किए गए हैं।
यह संग्रहालय पुराने और नए का एक सहज मिश्रण है। इसमें तत्कालीन नेहरू संग्रहालय भवन भी शामिल है। यहां दिखाया जाएगा कि कैसे भारत के प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बीच राष्ट्र का चौतरफा विकास सुनिश्चित किया। देश की प्रगति को नई दिशा दी।

पीएम संग्रहालय भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान के निर्माण तक की कहानी बताएगा। इमारत का कुल क्षेत्रफल 10,491 वर्ग मीटर है। पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी के लिए उनके परिवारों से भी संपर्क किया गया। संग्रहालय में महत्वपूर्ण पत्राचार, कुछ व्यक्तिगत वस्तुओं, उपहार और यादगार वस्तुएं, सम्मान, पदक, स्मारक टिकट, सिक्के आदि भी प्रदर्शित किए गए हैं। दूरदर्शन, फिल्म डिवीजन, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी), प्रिंट मीडिया, विदेशी समाचार एजेंसियों, विदेश मंत्रालय आदि संस्थानों के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई गई है। उद्घाटन के लिए संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती की तारीख इसलिए चुनी गई कि प्रधानमंत्रियों ने हमेशा हमारे संविधान का पालन करते हुए काम किया है।

'प्रधानमंत्री संग्रहालय' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने सभी पूर्ववर्तियों के योगदान को स्वीकार करने का एक प्रयास है, चाहे फिर उनकी विचारधारा अलग ही क्यों न हो। मोदी सरकार ने वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उपलब्धियों के बारे में जागरूक और प्रेरित करना है। डिजाइन में टिकाऊ होने के साथ ही यहां ऊर्जा संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है। इसके लिए किसी भी पेड़ को काटा नहीं किया गया है।

इमारत का लोगो ‘अशोक चक्र’ है, जो राष्ट्र और लोकतंत्र का प्रतीक है। संग्रहालय पुराने नेहरू म्यूजियम और नए का सम्मिलित रूप है। इसमें तत्कालीन नेहरू संग्रहालय भवन भी शामिल है। इसे पीएम संग्रहालय ब्लॉक-1 के रूप में नामित किया गया है। इसमें अब भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान से संबंधित अब तक सारी जानकारियां पेश की गई हैं। संग्रहालय में युवाओं को सूचना आसान और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित संचार सुविधाओं का इंतजाम किया गया है।