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नेटिव इंडियन अमेरिकन्स के पूर्वज भी रखते थे मोटी चोटी या जटा, जानें कारण

भारत में उद्दण्ड धनानंद के सम्मुख आचार्य चाणक्य की खुली हुई शिखा जहां वैदिक परंपरा का प्रमाण देती है वहीं एक बुद्धिमान महानायक के माध्यम से चोटी रखने के कारणों को जानने में रुचि भी उत्पन्न करती है।

अमेरिका यात्रा की तैयारी- 7 / छटा रत्न - सिर पर शिखा

विभिन्न सांप्रदायिक उन्मादी प्रचारकों ने भारतीय पुरातन संस्कृति के चिह्नों को मिटाने का यत्न तो बहुत किया, किन्तु सच्चे शोधार्थी इस निष्कर्ष पर पहुंच ही जाएंगे कि इस संपूर्ण भूमंडल के हर कोने में सर्वप्रथम आर्यावर्त्त की प्राचीन वैदिक संस्कृति ही विद्यमान थी।

आपको आश्चर्य होगा कि 1930 के दशक तक अरब देश में रहने वाले बदू कबीलों के अधिकांश लोग शिखा अर्थात् चोटी रखते थे।

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