रविवार को नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए डी हैविलैंड कनाडा डीएचसी-6-300 ट्विन ओटर विमान में सवार भारतीय दंपति एक वार्षिक पारिवारिक यात्रा पर था, जिसे एक पारिवारिक अदालत द्वारा निर्देश दिया गया था। दरअसल उनके तलाक के बाद अदालत ने उन्हें साल में एक बार 10 दिन के लिए अपने बच्चों के साथ घूमने का निर्देश दिया हुआ था और इस बार उनकी योजना नेपाल घूमने की थी।

वैभवी त्रिपाठी और उनके पूर्व पति अशोक त्रिपाठी और उनके बच्चे विमान में सवार थे और अपनी अदालती यात्रा पर थे, जब उनका विमान मस्टैंग के थसांग गौपालिका के सनोसवेयर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। महाराष्ट्र के ठाणे के कपूरबावड़ी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तम सोनवणे ने बताया कि वैभवी और उनके पूर्व पति अशोक को उनके तलाक के बाद हर साल अपने बच्चों के साथ 10 दिनों की छुट्टी पर जाने के लिए एक पारिवारिक अदालत द्वारा अनिवार्य किया गया था। सूचना मिलने के बाद हम उनके आवास पर गए। वैभवी बांद्रा स्थित एक कंपनी में काम करती थीं और अपनी मां की देखभाल करती थीं जो लंबे समय से ठीक नहीं हैं। जब वह परिवार के साथ वार्षिक अवकाश पर गई थीं तब उनकी बहन कुछ समय के लिए मां की देखभाल करने आई थी।
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को बचाव दल ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया और मलबे से 22 शव निकाल लिए हैं। इस विमान में 22 लोग सवार थे। नेपाल सरकार का कहना है कि प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि दुर्घटना में कोई नहीं बच सकता था। दुर्घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने यह भी कहा कि पाए गए कुछ शव पहचान से परे हैं।
डी हैविलैंड कनाडा डीएचसी-6-300 ट्विन ओटर विमान ने सुबह 10.14 बजे नेपाल के शहर पोखारा से उड़ान भरी लेकिन मध्य नेपाल के एक लोकप्रिय पर्यटन शहर जोम्सम में उतरने के पांच मिनट पहले नियंत्रण टावर से उसका संपर्क टूट गया। इससे पहले बचाव दल ने प्रतिकूल मौसम की वजह से रविवार देर रात विमान का पता लगाने के लिए अपनी खोजबीन को बंद कर दिया था।
वैभवी बांदेकर की उम्र 51 वर्ष थी जबकि उनके पति अशोक कुमार त्रिपाठी अपने गृह राज्य ओडिशा वापस चले गए थे। उनके दो बच्चे धनुष (24) और बेटी रितिका (15) भी विमान में सवार थे। ठाणे में कपूरबावड़ी पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक उत्तम सोनवणे के अनुसार बांदेकर की बहन ने उन्हें बताया कि दंपति अलग हो गए थे और अदालत के आदेश के अनुसार बच्चों को हर साल अपने पिता के साथ 10 दिन बिताने पड़ते थे। इस बार वे नेपाल में मुक्तिनाथ गए थे। बहन ने पुलिस को यह भी बताया कि नेपाल में भारतीय दूतावास लगातार संपर्क में है।