नील को मोंटगोमरी में मिली पहली कामयाबी, जीते तो रच देंगे इतिहास

भारतीय मूल के अमेरिकी नील मखीजा ने मोंटगोमरी काउंटी से डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी हासिल कर ली है। पेन्सिलवेनिया आयुक्त के पद की उम्मीदवारी के लिए 16 मई को यहां प्राइमरी चुनाव हुए थे। मखीजा अब 7 नवंबर को आम चुनाव में किस्मत आजमाएंगे। अगर वह कमिश्नर बने तो यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय अमेरिकी होंगे। इसके अलावा अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भी काउंटी में पार्टी का प्रचार संभालेंगे।

नील मखीजा अब 7 नवंबर को आम चुनाव में किस्मत आजमाएंगे।

नील मखीजा की इस उपलब्धि पर मैरीलैंड की उपराज्यपाल अरुणा मिलर ने ट्वीट करके बधाई दी है। उन्होंने लिखा, ''मोंटगोमरी काउंटी आयुक्त के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने पर मेरे मित्र नील मखीजा को बधाई। वॉशिंगटन से डेमोक्रेट प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने भी मखीजा को बधाई दी है। मखीजा को पेंसिल्वेनियाका के डेमोक्रेट प्रतिनिधि सेनेटेर जॉन फेटरमैन का भी महत्वपूर्ण समर्थन मिला है।

तीन सदस्यीय मोंटगोमरी काउंटी बोर्ड ऑफ कमिश्नर्स में दो पदों के लिए पांच डेमोक्रेट और तीन रिपब्लिकन उम्मीदवार मैदान में हैं। हर पार्टी की तरफ से प्राइमरी चुनाव में दो उम्मीदवार चुने गए हैं। मखीजा और जमीला विंडर ने डेमोक्रेटिक नामांकन जीता है वहीं रिपब्लिकन पार्टी का नामांकन टॉम डिबेलो और लिज़ फेरी को मिला है। अब ये सभी उम्मीदवार 7 नवंबर को होने वाले आम चुनाव में किस्मत आजमाएंगे। सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवार कमिश्नर बनेंगे।

इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट के कार्यकारी निदेशक मखीजा अगर यह चुनाव जीत जाते हैं तो वह मोंटगोमरी काउंटी में आयुक्त बनने वाले पहले एशियाई अमेरिकी और पहले भारतीय अमेरिकी होंगे। यही नहीं, वह 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में काउंटी में होने वाले मतदान की देखरेख भी करेंगे।

मखीजा ने अपनी प्रचार वेबसाइट पर लिखा है कि 2024 के चुनाव में पूरी संभावना है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डिसेंटिस पेंसिलवेनिया वासियों के वोट के अधिकारों पर खूब हमला करेंगे। ऐसे में सिर्फ वही हैं जो इस हमले का जवाब दे सकते हैं और वोट के अधिकार की रक्षा कर सकते हैं।

मखीजा ने 17 मई को अपने समर्थकों के नाम ओपन लेटर में लिखा था कि ऐसे समय में जब हमारे मौलिक अधिकार और लोकतंत्र निशाने पर हैं, मोंटगोमरी काउंटी के मतदाताओं ने एक ऐसे उम्मीदवार को चुना है जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ता है। मतदाताओं के इस विश्वास के लिए मैं आभारी हूं।

36 वर्षीय वकील इम्पैक्ट के जरिए कई उभरते हुए नेताओं के अभियानों को बढ़ावा दे चुके हैं। इसकी स्थापना समुदाय के नेता दीपक राज और कंसास के पूर्व राज्य प्रतिनिधि राज गोयले ने 2016 में की थी। इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट राजनीति में भारतीय अमेरिकियों की रुचि और भागीदारी बढ़ाने की दिशा में सक्रिय है। इस संगठन का दावा है कि 2020 के चुनाव में उसने हजारों मतदाताओं को अपने साथ जोड़ा, जिसकी बदौलत डोनाल्ड ट्रम्प को हराने में मदद मिली। यही नहीं सीनेट में बहुमत हासिल करने में भी योगदान दिया।

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