साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति ने दो भारतीयों को प्रदान किया सर्वोच्च सम्मान
दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के दो नागरिकों को राष्ट्रपति ने नेशनल ऑर्डर से सम्मानित किया है। दिवंगत रंगभेद विरोधी इब्राहिम इस्माइल इब्राहिम और वैज्ञानिक अबूबेकर इब्राहिम डांगोर को यह सम्मान लोकतंत्र की उन्नति में योगदान और देश में लोगों के जीवन में सुधार पर महत्वपूर्ण योगादान देने के लिए प्रदान किया गया है। शुक्रवार को प्रिटोरिया में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कई लोगों को ये पुरस्कार प्रदान किए। दक्षिण अफ्रीका का यह सर्वोच्च सम्मान है जो वह अपने नागरिकों और प्रतिष्ठित विदेशी नागरिकों को प्रदान करता है।
Those who are receiving #NationalOrders embody the founding values of the South African Republic - the achievement of equality, the advancement of human rights and freedoms, and perhaps most importantly of all, human dignity. I congratulate all who are being recognised today. pic.twitter.com/iKyaguGcK9
— Cyril Ramaphosa 🇿🇦 (@CyrilRamaphosa) April 28, 2023
इब्राहिम को मरणोपरांत द ऑर्डर ऑफ लुथुली से सम्मानित किया गया है। उन्होंने लोकतंत्र, राष्ट्र निर्माण, मानवाधिकार, न्याय व शांति के साथ-साथ संघर्ष के समाधान में अहम योगदान दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दक्षिण अफ्ऱीकी लोगों की मुक्ति के लिए इब्राहिम की आजीवन प्रतिबद्धता के लिए उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया है। अपने दृढ़ विश्वास से वह दमनकारी रंगभेदी सरकार के लिए एक दुर्जेय विरोधी बन गए थे।
इब्राहिम ने अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के सदस्य के रूप में रंगभेदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए नेल्सन मंडेला और अहमद कथराडा के साथ जेल में 15 साल बिताए थे। एबी के नाम से मशहूर इब्राहिम अंतरराष्ट्रीय मामलों के पूर्व उप मंत्री भी रहे थे। वह 13 साल की उम्र में ही मुक्ति संग्राम में शामिल हो गए थे। वह अक्सर करते था कि महात्मा गांधी का सत्याग्रह उनकी प्रेरणा है। दिसंबर 2021 में बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया था।
वैज्ञानिक अबूबेकर इब्राहिम डांगोर को भौतिक विज्ञान में महत्वपूर्ण शोध के जरिए विज्ञान में सराहनीय और विशिष्ट योगदान के लिए द ऑर्डर ऑफ मापुंगब्वे इन ब्रॉन्ज से सम्मानित किया गया है। यूके में रहने वाले डांगोर दक्षिण अफ्रीका वापस नहीं आ सके थे क्योंकि श्वेत अल्पसंख्यक रंगभेद सरकार ने बरमूडा से उनकी अश्वेत पत्नी को दक्षिण अफ्रीका में प्रवेश देने से इनकार कर दिया था। राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा कि यह सम्मान प्राप्त करने वाले लोग समानता, मानवाधिकारों, स्वतंत्रता और सबसे महत्वपूर्ण मानवीय गरिमा के प्रतीक हैं।