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अब सुख आयो रे! NASA के पूर्व वैज्ञानिक ने फसल बढ़ाने के लिए बनाया अनोखा सेंसर

नार्वेकर का एकेडमिक और पेशवर करियर आईआईटी बॉम्बे और नासा के वैज्ञानिकों के साथ रहा है। उन्होंने अपनी पीएचडी साल 2008 में ब्रेमेन विश्वविद्यालय, जर्मनी से पूरी की।

यह सेंसर किसानों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।

भारत में हर साल खराब मौसम और रोगों के कारण फसलों को भारी नुकसान होता है। इससे देश के करोड़ों किसानों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित होती है। वे इन जोखिमों के कारण खराब परिस्थितियों में रहने को मजबूर होते हैं। भारत में कृषि क्षेत्र ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा लोगों को आजीविका प्रदान करता है। कृषि का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी महत्वपूर्ण योगदान है। नासा के पूर्व वैज्ञानिक पराग नार्वेकर (Parag Narvekar) ने अपनी टीम के साथ भारत में कृषि चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी को मर्ज करने के लिए महाराष्ट्र में एक मंच विकसित किया है।

किसानों की समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2017 में पराग नार्वेकर ने मौसम सेंसर प्रदान करने और भारतीय किसानों को लागत प्रभावी समाधान प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र के नासिक में अपना तकनीकी स्टार्टअप सेंसर्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड लॉन्च किया जहां उन्होंने वह सेंसर विकसित किया है, जिसकी कीमत पहले 1.5 लाख रुपये थी और अब किसान 10 हजार रुपये में खरीद सकते हैं।

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