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भारत-फ्रांस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी मोदी-मैक्रों की मुलाकात

भारत और फ्रांस के बीच मजबूत संबंध हैं। फ्रांस अकेला ऐसा देश है जो पाकिस्तान या चीन को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति नहीं करता है। हिंद-प्रशांत में यह भारत का द्विपक्षीय साझेदार है। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की इस मुलाकात से उम्मीद जताई जा रही है कि यह आपसी संबंधों को नए आयाम पर पहुंचाने का काम करेगी।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों, रक्षा सहयोग, समुद्री भागीदारी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां बढ़ाने का काम करेगी। यह मुलाकात रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत प्रोजेक्ट के तहत भारत में फ्रांस की सक्रिय सहभागिता के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम कर सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी इस समय यूरोप के तीन देशों की यात्रा पर गए हुए हैं। इसके तहत पहले चरण में सोमवार को वह जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचे। 

दोनों नेताओं को रणनीतिक क्षेत्र में अभी बहुत काम करना है, क्योंकि मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बॉन और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच होने वाली पिछली दो बैठकें फ्रांसीसी राजनयिक की अस्वस्थता के चलते स्थगित हो गई थीं। इसमें से दूसरी बैठक का आयोजन 28 अप्रैल को नई दिल्ली में होना था।

भारत और फ्रांस के बीच मजबूत संबंध हैं। फ्रांस अकेला ऐसा देश है जो पाकिस्तान या चीन को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति नहीं करता है। हिंद-प्रशांत में यह भारत का द्विपक्षीय साझेदार है। दोनों देशों ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे अहम मुद्दों पर एक-दूसरे की स्थिति को समझा है और वैश्विक मुद्दों पर राजनीतिक आदान-प्रदान जारी रखा है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों की ये मुलाकात बहुत अहम मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी इस समय यूरोप के तीन देशों की यात्रा पर गए हुए हैं। इसके तहत पहले चरण में सोमवार को वह जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचे। यहां वह चांसलर ओलाफ शोल्ज और दिग्गज कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा वह भारतीय समुदाय की ओर से आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। मोदी और शोल्ज छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श (ICG) की सह अध्यक्षता भी करेंगे।

बर्लिन के बाद मोदी तीन मई को डेनमार्क पहुंचेंगे। यहां वह अपनी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। अपनी इस तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में वह कुछ समय के लिये फ्रांस में रुकेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की इस मुलाकात से उम्मीद जताई जा रही है कि यह आपसी संबंधों को नए आयाम पर पहुंचाने का काम करेगी।

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