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भारतीय मूल की चिकित्सक मेगन श्रीनिवास ने भारी जीत दर्ज की, विरोधी चित

डॉ. मेगन श्रीनिवास छोटे शहर आयोवा में दो भारतीय प्रवासियों की बेटी के रूप में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने फोर्ट डॉज सीनियर हाई में पढ़ाई की है। इसके अलावा हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्हें चुनाव में 63 फीसदी वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी एडी मोरो को 36 प्रतिशत मत हासिल हुए।

भारतीय मूल की संक्रामक रोग चिकित्सक मेगन श्रीनिवास अमेरिकी राज्य आयोवा के डेस मोइनेस में काफी प्रसिद्ध हैं। एक चिकित्सक होने के साथ ही वह लोगों की सेवा के लिए जानी जाती हैं। अब उन्होंने आयोवा के हाउस डिस्ट्रिक्ट 30 प्राइमरी में बतौर डेमोक्रेटिक नामांकन जीत लिया है।

द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, श्रीनिवास को 7 जून को हुए इस चुनाव में 63 फीसदी वोट मिले। उन्होंने एडी मोरो को हराया, जिन्होंने 36 प्रतिशत मत हासिल किया। भारतीय अमेरिकी चिकित्सक का सामना अब 8 नवंबर को होने वाले चुनावों में रिपब्लिकन जेरी चीवर्स से होगा। अगर वह चुन ली जाती हैं तो स्वाति दांडेकर के बाद आयोवा हाउस में सेवा देने वाली दूसरी भारतीय अमेरिकी महिला होंगी।

जनगणना रिपोर्ट के अनुसार इस जिले में एशियाई और अश्वेतों की संख्या महज 4 प्रतिशत है।हिस्पैनिक की आबादी महज तीन प्रतिशत के करीब है। वहीं अमेरिकी गोरों की आबादी सर्वाधिक 87 प्रतिशत है। डॉ. मेगन श्रीनिवास छोटे शहर आयोवा में दो भारतीय प्रवासियों की बेटी के रूप में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने फोर्ट डॉज सीनियर हाई में पढ़ाई की है। इसके अलावा हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के कार्वर कॉलेज ऑफ मेडिसिन से शिक्षण में प्रमाणपत्र के साथ अपनी मेडिकल डिग्री हासिल की। इसके साथ ही उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय में जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन में संक्रामक रोग फैलोशिप पूरा किया। लेकिन आयोवा में उनकी जड़ों ने उसे अपने समुदाय की सेवा के लिए घर लौटने के लिए प्रेरित किया।

श्रीनिवास का कहना है कि उन्हें उनके माता-पिता गीता और जय श्रीनिवास से लोगों के लिए काम करने की प्रेरणा मिली है।

श्रीनिवास डेस मोइनेस, आयोवा में स्थित एक संक्रामक रोग चिकित्सक के साथ ही स्वास्थ्य शोधकर्ता हैं। उनका शोध स्वास्थ्य के क्षेत्र में असमानताओं को दूर करने के लिए सार्वजनिक नीति का उपयोग करने पर केंद्रित है। वह आयोवा में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल तक आम लोगों की पहुंच में सुधार के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर काम करती हैं। वह आयोवा प्राइमरी केयर एसोसिएशन के साथ मिलकर पूर राज्य में हेपेटाइटिस सी के खिलाफ काम करती हैं।

डॉ. श्रीनिवास को सचिव विल्सैक द्वारा आयोवा स्टेट बोर्ड ऑफ एजुकेशन में सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। वह एक अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की राष्ट्रीय प्रतिनिधि हैं। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन की आयोवा में बनाई कोविड टीम की अध्यक्षता की थी। श्रीनिवास ब्रॉडलॉन्स मेडिकल सेंटर के साथ काम कर रही हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना स्कूल फॉर मेडिसिन के साथ जुड़ी हुई हैं।

श्रीनिवास का कहना है कि उन्हें उनके माता-पिता गीता और जय श्रीनिवास से लोगों के लिए काम करने की प्रेरणा मिली है। मेरे माता-पिता कड़ी मेहनत और लगन के अवतार हैं। उन्हें देखकर मुझे पता चला कि मैं कुछ भी कर सकती हूं। उनके सपोर्ट ने मुझे चुनौतियों से पार पाने और हर सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। उन्होंने अपने बड़े भाई अश्विन श्रीनिवास को भी श्रेय दिया जिन्होंने उन्हें सिखाया कि जीवन का मकसद अपने आसपास की दुनिया को बेहतर बनाना है।

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