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नासा के लिए चांद पर 4जी नेटवर्क तैयार कर रहे हैं दिल्ली में जन्मे निशांत बत्रा

बत्रा का कहना है कि लूनर नेटवर्क इसी साल हकीकत बन सकता है। हमारी योजना इसे कुछ महीनों में तैयार करने की है। लेकिन यह एक नासा का प्रोजेक्ट है इसलिए मैं लॉन्च की निश्चित तारीख नहीं बता सकता हूं।

तकनीक की रफ्तार समय के साथ बढ़ ही रही है। एक समय में चिट्ठियों के जरिए होने वाली बातचीत की जगह अब सीधे वीडियो कॉल पर बात होने लगी है। टेलीफोन आया तो पूरी दुनिया पहले घर के स्टूल तक सिमटी और स्मार्टफोन आने पर वह वहां से उठकर सीधे जेब में आ गई। अब आपकी जेब में धरती के साथ-साथ चंद्रमा भी आने वाला है। चंद्रमा पर 4जी नेटवर्क की व्यवस्था तैयार की जा रही है। यानी चांद पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्री वहां से मोबाइल फोन पर बात और वीडियो कॉल भी कर सकेंगे।

बेल लैब्स (Bell Labs) में टेक्नोलॉजी और रिसर्च की जिम्मेदारी भी निशांत संभाल रहे हैं। 

इस काम को अमेरिकी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के लिए अंजाम एक भारतीय शख्स दे रहा है। चांद पर मानवों को भेजने के मिशन की तैयारी कर रही नासा ने इसकी जिम्मेदारी भारत की राजधानी नई दिल्ली में जन्मे निशांत बत्रा को दी है। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले निशांत बत्रा अब फिनलैंड के इस्पू में रहते हैं। वह 22 अरब यूरो (लगभग 1841 अरब 65 करोड़ 12 लाख 11 हजार 180 रुपये) की कीमत वाली नोकिया (NOKIA) के स्ट्रैटेजी एवं टेक्नोलॉजी के वैश्विक अध्यक्ष हैं।  

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