विपरित हालात के एक आइडिया ने बदल दी 13 साल के तिलक की दुनिया
आप 13 साल की उम्र में क्या कर रहे थे? अगर ये सवाल कोई करे तो हम में से ज्यादातर का यही जवाब होगा कि या तो अपनी पढ़ाई में लगे हुए थे या मैदान में अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे, या गप्पे हांक रहे थे। दरअसल, उम्र के उस दौर में ज्यादातर लोग करियर बनाने और पैसा कमाने की बातों से बिल्कुल अनजान ही होते हैं। लेकिन मुंबई के रहने वाले तिलक मेहता कुछ अलग हटकर थे। 5 साल पहले जब तिलक 13 साल की उम्र के थे तो उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की। पेपर एन पार्सल्स के फाउंडर तिलक मेहता आज भारत के सबसे कम उम्र के कारोबारियों में से एक हैं।
Proud of #Ghatkopar
— Pravin Chheda (@chheda_pravin) February 17, 2023
Just 17 year's Boy@tilakmehta_.. #Congratulations
Founder Papers N Parcels the techpreneur of India, is speaking at the @EconomicTimes Global Business Summit,
On today 17th Feb and 18th Feb 2023 Asia’s most important, powerful business summit, alongside.. 2 pic.twitter.com/wKZ54FMHFI
दरअसल, इसके पीछे भी एक कहानी है। तिलक जब 13 साल की उम्र के थे तो एक बार वह अपने चाचा के घर गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने अपनी किताबें अपने चाचा के यहां ही छोड़ दी हैं। कुछ दिनों बाद स्कूल की परीक्षा होने वाली थी। तैयारी के लिए उन्हें तुरंत किताबों की आवश्यकता थी। दुविधा में फंसकर उन्होंने पार्सल की उसी दिन डिलीवरी के लिए विभिन्न एजेंसियों का दरवाजा खटखटाया। लेकिन ये सेवाएं या तो बहुत महंगी थीं या उसी दिन डिलीवरी उपलब्ध नहीं थी।
4 years to the launch of PapersNParcels!
— Tilak Mehta (@tilakmehta_) July 18, 2022
I would like to thank each of you and especially my entire team of PapersNParcels for believing and standing by a 13 year old through ups and downs to convert this dream of mine into reality
None of this would be possible without them pic.twitter.com/QywtcvZps5
कोई आम लड़का तिलक की जगह होता तो नाराज होता, थोड़ा झुंझलाता और खुद को कोसता भी। लेकिन यहीं से तिलक के मन में जो आइडिया आया उसने उसे आज सफलता के इस मुकाम पर खड़ा कर दिया है। उस घटना ने उन्हें उन संभावित तरीकों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, जिनके पास कोई अन्य साधन नहीं है, आपात स्थिति में जल्द से जल्द अपना पार्सल कोई कैसे हासिल कर सकता है। इन सवालों के जवाब की तलाश में उन्हें एक कंपनी शुरू करने का आइडिया आया। एक ऐसी कंपनी जो उसी दिन शहर के भीतर डिलीवरी सेवाएं प्रदान करती है। और इस तरह उन्होंने अपनी कंपनी 'पेपर एंड पार्सल' की स्थापना की।
At age 13, Tilak Mehta thought of a start-up idea, worked on it & is now successfully running it.
— CED Gujarat (@ced_gujarat) March 20, 2021
If he can, why can’t you?#cedgujarat #entrepreneur #entrepreneurship #startupidea #startup #ideas #success #youngentrepreneur #businessidea #business #entrepreneurialdream pic.twitter.com/qpx0nTz2Io
उन्होंने कारोबार में लगने वाली लागत और इसके असर के बारे में सोचना शुरू किया। इसके बाद तिलक ने मुंबई के डब्बावालों से प्रेरणा ली, जो कम लागत पर उपलब्ध सबसे तेजी से भोजन वितरण करने की एक शानदार व्यवस्था है। अपने पिता से थोड़ी आर्थिक सहायता के साथ तिलक ने डब्बावालों का उपयोग अपेक्षाकृत कम लागत पर शहर के भीतर पार्सल पहुंचाने के लिए किया।
My parents have been really supportive, says 13-year-old entrepreneur Tilak Mehta https://t.co/zO259yttZB pic.twitter.com/niWyXrDJMk
— cars for kids (@carsforkids5) January 14, 2019
इसके बाद तिलक ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया जो 2018 से व्यवसायों को उनकी शिपिंग और रसद जरूरतों के साथ मदद करता है। निरंतर और समर्पित प्रयासों के साथ वह कंपनी को उत्कृष्ट ऊंचाई पर ले जाने में सक्षम रहे। आज तिलक की कंपनी 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करती है। तिलक मेहता की अनुमानित कुल संपत्ति 2021 तक 65 करोड़ रुपये थी, जिससे उनकी मासिक आय 2 करोड़ रुपये है।