एवरेस्ट नापना चाहते थे जितिन, पर स्काईडाइविंग से ऐसे हुआ लगाव कि...

दक्षिण भारत के राज्य केरल के रहने वाले जितिन विजयन (41) के लिए स्काईडाइविंग में कदम रखना महज एक संयोग रहा। जब उन्होंने 11 मई 2019 को पहली बार न्यूजीलैंड की आधिकारिक तौर पर स्काईडाइविंग की तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि यह छलांग उनकी जिंदगी बदल देगी। इसके बाद उन्होंने 42,000 फीट ऊंचाई से कूदकर वर्ल्ड रेकॉर्ड बना डाला। उन्होंने 43,000 फीट की ऊंचाई से एक विमान से बाहर गोता लगाकर दो विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं।

जितिन हमेश से खेल के प्रति दीवाने रहे हैं। उन्होंने जूम पर खलीज टाइम्स से बात करते हुए कहा कि मैं इस साल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना चाहता था और 2022 में बेस कैंप तक भी गया था। मेरी योजना एक साल तक वहां रहकर दुनिया की शीर्ष ऊंचाई एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने की थी। लेकिन मेरी पत्नी मेरी सुरक्षा के बारे में थोड़ी चिंतित थी। इसलिए मैंने उससे पूछा कि क्या मैं इसके बजाय स्काईडाइविंग कर सकता हूं। इस पर वह सहमत हो गईं। इसके बाद मैंने स्काईडाइविंग में कदम रखा। और 42,000 फीट पर तिरंगे को फहराने का अपना सपना पूरा किया।

जितिन कोच्चि में एक आईटी कंपनी में डायरेक्टर हैं। पत्नी से सहमति मिलने के बाद वह स्काईडाइविंग में ए-ग्रेड लाइसेंस लेने के लिए स्पेन गए। इसके बाद अभ्यास करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। ऐसा लग रहा था कि जीवन उनके लिए पूरी तरह से बदल गया है।

जितिन का कहना है कि जब मैं 2016-2017 में यूएई में था, तो उस वक्त स्काईडाइविंग मेरी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर नहीं थी। इसलिए, स्काईडाइविंग लाइसेंस के साथ शहर में वापस आना और एक दिन में कई बार कूदना अच्छा लगा। आज तक, उन्होंने 200 से अधिक छलांगें  पूरी की हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीने मैंने 43,000 फीट से छलांग लगाई। दो गिनीज वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाए। यह कठिन था, लेकिन मुझे गर्व है कि मैं इसे हासिल करने में कामयाब रहा।

इस साल की शुरुआत में जितिन की मुलाकात अमेरिका के टेनेसी में एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी से हुई थी, जो तीसरी बार 43,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाने के लिए कोऑर्डिनेट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहला प्रयास विफल रहा। पिछले साल दूसरा प्रयास सफल रहा था और पांच लोगों ने छलांग लगाई थी। तीसरे प्रयास के लिए उन्होंने पूछा कि क्या मैं शामिल होना चाहता हूं। कुछ दिनों तक सोचने के बाद, मैं सहमत हो गया।

यह छलांग 1 जुलाई, 2023 के लिए तय किया गया था। उन्होंने अपने परिवार सहित अपनी योजनाओं के बारे में किसी को नहीं बताया। उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता था कि वे चिंता करें। उन्होंने केवल ब्रिटने में अपने स्काईडाइविंग पार्टनर निमेश को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैंने निमेश को सिर्फ इतना कहा कि मैं अमेरिका में छलांग लगाने की कोशिश करूंगा। बाद में निमेश को सही जानकारी मिली तो वह हक्का-बक्का रह गया।

जितिन के अनुसार छलांग लगाने के लिए विस्तृत योजना की आवश्यकता थी। पहला कदम पीठ पर ऑक्सीजन टैंक लेकर 15,000 फीट की ऊंचाई पर एक परीक्षण छलांग लगाना था। यह इसलिए कि इसमें हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमने टैंक के साथ कूदने का अभ्यास किया है। मुख्य कूद के दौरान लगभग 1.5 घंटे पहले हम शुद्ध ऑक्सीजन में सांस लेना शुरू करते हैं।

जितिन ने कहा कि खासकर विमान में सवार होने के बाद सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। कूदने से दो मिनट पहले जब उन्होंने अपने चश्मे पहने, तो यह टूट गया। उन्हें कूदने से अयोग्य ठहराया जा सकता था, लेकिन आयोजकों के पास सौभाग्य से एक अतिरिक्त जोड़ी थी। उन्होंने अपने दाहिने हाथ पर भारतीय ध्वज बांधा हुआ था। कूदने से पहले दरवाजे पर खड़े हुए। उन्होंने एक पल के लिए अपनी आंखें बंद कीं। गहरी सांस ली और फिर छलांग लगा दी।

जब वह जमीन से 5,000 फीट ऊपर थे तो उन्होंने अपना पैराशूट लॉन्च किया, जिससे उसकी गति 50 किमी प्रति घंटे तक कम हो गई, और योजना के अनुसार लगभग सात मिनट में सुरक्षित रूप से लैंडिंग स्थल पर पहुंच गए। हालांकि, झंडे के साथ स्टंट के कारण उनके कंधे में दो सप्ताह तक खून का बड़ा थक्का जम गया। कड़ाके की ठंडी हवा के संपर्क में आने से तीन दिनों तक उनकी आवाज भी बंद हो गई।

अब उनका अगला लक्ष्य अबू धाबी में ग्रुप जंप का प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि केरल के 16 स्काईडाइवर्स का एक समूह हैं। जब हमारे पास 20 होंगे, तो हम अबू धाबी में एक समूह में छलांग लगाने का प्रयास करना चाहते हैं।