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चीन में लगे हैं 'ताले', छात्रों ने क्यों खटखटाया भारतीय अदालत का दरवाजा?

याचिका में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि चीन में स्थित उनके विश्वविद्यालयों में वह जो ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं उसे मान्यता दी जाए।

Photo by Mohammad Shahhosseini / Unsplash

चीन द्वारा भारतीय छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत सरकार और भारत की राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को छात्रों द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के तहत राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को निर्देश देने की मांग की गई है कि कोरोना के चलते चीन ने फिजिकल ट्रेनिंग के लिए पाबंदियां लगाई हुई हैं ऐसे में परिषद छात्रों को भारत में ही ​ट्रेनिंग की अनुमति दे।

Photo captured during office hours of a company in Brazil.
बीजिंग के कोविड-19 वीजा प्रतिबंधों के कारण ये छात्र पिछले दो साल से अपने-अपने देशों में फंसे हुए हैं। Photo by Lucas Vasques / Unsplash

याचिका में चीन की निंगबो विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले मेडिकल के 147 भारतीय छात्रों ने कहा है कि वे साल 2020 की शुरुआत से भारत में हैं और उसके बाद से वीजा की अनुपलब्धता के कारण वे पढ़ाई के लिए चीन में मौजूद विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग के लिए जाने में असमर्थ हैं। इस मामले पर भारतीय न्यायालय में न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद से 21 मार्च तक जवाब मांगा है। अदालत ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए मौखिक रूप से उत्तरदाताओं से इस मुद्दे से निपटने और इस मुद्दे को हल करने के लिए कहा है। खंडपीठ ने यहां तक कहा कि ये छात्र हैं आतंकवादी नहीं। वह सिर्फ अपने अध्ययन की व्यवस्था के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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