भारत में बच्चा पैदा होने के दौरान मां की मृत्यु होने के अनुपात में पिछले तीन सालों में सुधार हुआ है। साल 2017-19 की अवधि में भारत का मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) सुधरकर 103 हो गया है जबकि 2015-17 में यह अनुपात 122 था। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर इसी तरह अनुपात में कमी आती रही तो भारत साल 2030 के लक्ष्य से पहले ही मातृ मृत्यु अनुपात 70 तक ले जाने में कामयाब हो सकता है।
MMR प्रमुख स्वास्थ्य प्रणाली संकेतक है जिसमें एक निश्चित अवधि के दौरान प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु की संख्या का पता लगाया जाता है। भारत का एमएमआर साल 1990 में लगभग 556 था जो लगातार घटते हुए साल 2004-06 के बीच 254 पर आ गया था। कई विकसित देशों की बात करें तो कुछ देश ऐसे हैं जहां एमएमआर सिंगल डिजिट में है। इटली, नॉर्वे, पोलैंड और बेलारूस में न्यूनतम एमएमआर है। यहां एमएमआर दो है जबकि जर्मनी और यूके दोनों में यह सात-सात है। कनाडा में 10 और अमेरिका में 19 है। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में 186, बांग्लादेश में 173 और पाकिस्तान में एमएमआर 140 है। हालांकि चीन में 18.3 और श्रीलंका में 36 एमएमआर है जो कि भारत से काफी कम है।