‘मन की बात’ ने भारत में एक अलग ही तरह की जागरुकता बढ़ाई: रिपोर्ट
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन जन तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए और उन्हें सरकारी योजनाओं के बारे में बेहतर जानकारी देने के लिए लगातार नए प्रयास करते रहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने नौ साल पहले आज ही के दिन ‘मन की बात’ नामक रेडियो शो (हर माह के अंतिम रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित कार्यक्रम) शुरू किया था। इस विशेष कार्यक्रम को प्रसिद्धि तो मिली ही, साथ ही लोगों का आकाशवाणी के कार्यक्रमों की ओर रुझान भी बढ़ा। अब भारत की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम के प्रसारण से सरकारी योजनाओं की लोकप्रियता बढ़ी ही है, साथ ही लोग जागरुक हुए हैं। रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया है कि इस कार्यक्रम में देश की महिलाओं की भागीदारी भी लगातार बढ़ती जा रही है। बेहद दिलचस्प जानकारी दी गई है इस शोध रिपोर्ट में।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह एक अनूठा कार्यक्रम है जो आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए बनाया गया है, लेकिन इसे भारतीय टेलीविजन दूरदर्शन भी प्रसारित करता है। इस कार्यक्रम की अब लोकप्रियता इतनी अधिक बढ़ चली है कि अब तो भारत के अधिकतर टीवी चैनल व सोशल मीडिया पर इसका लाइव प्रसारण होता है। इस कार्यक्रम की पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2014 शुरुआत की थी और यह हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है। इस लोकप्रिय कार्यक्रम को लेकर भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व आईआईएम-बेंगलुरु ने मंगलवार को एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की है जिसमें बेहद दिलचस्प जानकारी दी गई है और बताया गया है कि प्रधानमंत्री का यह अनूठा कार्यक्रम किस प्रकार भारत की सरकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचा रहा है, साथ ही भारतवासियों को कई मसलों पर जागरुक भी कर रहा है।
‘मन की बात के 9 साल: लोगों, नीतियों और बदलावों को बदलना शासन’ नामक इस रिपोर्ट में जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया X (पूर्व में ट्विटर) पर देते हुए इसे एक दिलचस्प अध्ययन बताया है और कहा है कि ‘यह रिपोर्ट कवर किए गए कुछ विषयों और उनके सामाजिक प्रभाव पर प्रकाश डालती है। यह आश्चर्यजनक है कि कैसे हमने इस माध्यम से कई जीवन यात्राओं और सामूहिक प्रयासों का जश्न मनाया है।’ अगर रिपोर्ट से इतर बात करें तो विशेष बात यह भी है कि ‘मन की बात’ ने कुछ ऐसे अनछुए विषयों और मुद्दों को भी उठाया है, जिनके बारे में भारत के लोग जानते हुए भी अनजान थे। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट ने उन लोगों को भारतवासियों के सामने पेश किया है जो अपनी फील्ड में मेहनत से काम कर रहे थे, लेकिन उन्हें बहुत कम लोग जानते थे। इनमें एक आम स्टूडेंट से लेकर किसान, वाहन चालक, डॉक्टर और कई विषयों से जुड़े हुए लोग शामिल थे।
Today, as #MannKiBaat completes 9 years, here is an interesting study by @TheOfficialSBI and @iimb_official which highlights some of the themes covered and their societal impact. It is amazing how we have celebrated several life journeys and collective efforts through this…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 3, 2023
इस शोध रिपोर्ट में कई विशेष जानकारी है, जिसमें बताया गया है कि पीएम के रेडियो शो 'मन की बात' से सरकारी योजनाओं की लोकप्रियता बढ़ी है। लोग लगातार जागरुक हो रहे हैं और महिलाओं की भागीदारी भी देखी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार पीएम मुद्रा, स्वनिधि, सुकन्या समृद्धि, जन धन खाते और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) जैसी सरकारी योजनाओं को लेकर लोगों में जागरूकता का स्तर बढ़ा है, जो इन योजनाओं को अपनाने के बढ़ते स्तर को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी और महिला सशक्तिकरण में भी बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट की एक रोचक जानकारी यह है कि ‘मन की बात’ में जिन योजनाओं का जिक्र किया जाता है, उनको खोजने में तेजी से उछाल आ जाता है। जैसे एक एपिसोड में पीएम द्वारा जानकारी देने के बाद मुद्रा लोन एप्लीकेशन सर्च ने भी गूगल सर्च में लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन इसे सबसे ज्यादा लोकप्रियता कोविड-19 महामारी की शुरुआत के साथ मिली।
रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2015 में शुरू की गई 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना ने जनवरी 2015 में मन की बात के बाद Google खोजों में लोकप्रियता हासिल की। योग, वह शब्द जो अनादि काल से चला आ रहा है, 14 दिसंबर को मन की बात के बाद गूगल सर्च में लोकप्रियता हासिल की, लेकिन मई और जून 2015 में मन की बात पर भारी संचार के बाद, इसने इतनी लोकप्रियता हासिल की कि इसका अर्थ बढ़ गया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान खादी को काफी लोकप्रियता मिली, लेकिन बदलते समय के साथ यह अपनी लोकप्रियता खोती जा रही है। मन की बात के साथ, खादी को काफी लोकप्रियता मिली है, साथ ही बिक्री में भी वृद्धि हुई है। खादी का सोशल मीडिया कवरेज भी बढ़ गया है। वर्ष 2022 की शुरुआत के साथ बाजरे की नगण्य खोजों में तेजी आई और मन की बात के साथ इसमें और तेजी आई, जिससे औसत पहले के 0.026 से बढ़कर 55.77 हो गया।
आकाशवाणी पर ही ‘मन की बात’ क्यों?
भारत में ढेर सारे डिजिटल संचार साधनों की उपलब्धता के बावजूद पीएम ने रेडियो को चुना क्योंकि ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण नेटवर्क में से एक है। देश के 92.0% क्षेत्र में फैली 99.20% आबादी तक AIR की कवरेज मानी जाती है। एक सरकारी जानकारी के अनुसार 23 करोड़ लोग नियमित रूप से मन की बात सुनते हैं, और अन्य 41 करोड़ लोग इसे कभी-कभी सुनते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अधिकांश श्रोता (लगभग 73%) आशावादी हैं और उन्हें लगता है कि देश प्रगति करेगा।