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भारत की इस फुटबॉल टीम की बढ़ी मांग, ब्रिटेन का यह क्लब खरीदने को तैयार!

पिछले ही महीने श्री सीमेंट लिमिटेड के साथ इसका सौदा समाप्त हो गया है। वहीं बांग्लादेश का बशुंधरा समूह भी कथित तौर पर इस सौदे पर नजर बनाए हुए है। गांगूली ने सौदे या स्थिति के बारे में और टिप्पणी करने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि पहले इसे एक स्तर पर पहुंचने दें फिर हम कोई टिप्पणी करेंगे।

Photo by Jannes Glas / Unsplash

भारत के पूर्व क्रिकेट और मौजूदा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने जानकारी दी है कि मैनचेस्टर यूनाइटेड का ब्रिटिश फुटबॉल क्लब देश के इंडियन सुपर लीग के ईस्ट बंगाल क्लब को खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। दरअसल पिछले ही महीने श्री सीमेंट लिमिटेड के साथ इसका सौदा समाप्त हो गया है। वहीं बांग्लादेश का बशुंधरा समूह भी कथित तौर पर इस सौदे पर नजर बनाए हुए है।

गांगुली ने मंगलवार को कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ठोस विकास होने के बाद ही मैं बोलूंगा।

गांगुली ने मंगलवार को कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में मैनचेस्टर यूनाइटेड के मालिकों द्वारा संभावित निवेश के बारे में पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हां हमने उनसे और दूसरों से भी बात की है। इकाई कौन होगी, यह जानने में 10 से 12 दिन और लगेंगे। हालांकि गांगूली ने सौदे या स्थिति के बारे में और टिप्पणी करने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि पहले इसे एक स्तर पर पहुंचने दें फिर हम कोई टिप्पणी करेंगे। ठोस विकास होने के बाद ही मैं बोलूंगा।

वहीं इस बीच यूके सरकार ने अमेरिकी व्यवसायी टॉड बोहली के नेतृत्व में एक संयुक्त समूह को 4.25 बिलियन पाउंड यानी 42 हजार करोड़ रुपये में चेल्सी फुटबॉल क्लब की बिक्री को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन के खेल मंत्री नादिन डोरिस ने बुधवार सुबह पुष्टि करते हुए कहा कि ब्रिटिश सरकार ने चेल्सी एफसी की बिक्री की अनुमति के लिए लाइसेंस जारी किया है।

क्लब के बयान के अनुसार 2.5 बिलियन पाउंड में क्लब शेयर खरीदेगा और इस रकम को यूके के एक फ्रोजन अकाउंट में जमा किया जाएगा ताकि इसे 100 फीसदी चैरिटी के इरादे से खर्च किया जाए जैसा कि रोमन अब्रामोविच द्वारा पुष्टि की गई है। फ्रोजन अकाउंट से इस रकम को स्थानांतरित करने के लिए यूके सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी। दरअसल मार्च से ही पिछले मालिक रोमन अब्रामोविच पर यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ घनिष्ठ संबंधों को लेकर पाबंदी लगा दी गई थी और तभी से क्लब को बिक्री पर रखा गया था।

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