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दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के दिल के करीब था टॉलस्टॉय फार्म, अब मिलेगी नई जिंदगी

ट्रांसवाल में टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना महात्मा गांधी ने 1900 के दशक में की थी। साल 1910 में यह आश्रम सत्याग्रह अभियान का मुख्यालय हुआ करता था। उन्होंने इसका नाम रूसी लेखक और दार्शनिक लियो टॉलस्टॉय के नाम पर रखा था।

बीती 2 अक्टूबर को देश-दुनिया में महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मनाई गई थी। मानवता को लेकर भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदानों का पूरी दुनिया में सम्मान किया जाता है। मोहनदास करमचंद गांधी ने अपने युवा जीवन का एक अहम हिस्सा दक्षिण अफ्रीका में गुजारा था। यहां वह लॉ की प्रैक्टिस किया करते थे। यहीं उन्होंने टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना की थी जो एक बेहद खूबसूरत आश्रम था। अब विभिन्न एनजीओ और भारतीय मिशन के प्रयासों से इसे नया जीवन दिया जा रहा है।

Close up of a life-like statue of Mahatma Gandhi, Sabarmati Ashram, Ahmedabad, Gujarat, India [Photo: August 2021]
यह महात्मा गांधी की ओर से शुरू किया गया दक्षिण अफ्रीका में दूसरा आश्रम था। Photo by Brijender Dua / Unsplash

टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना ट्रांसवाल में गांधी ने 1900 के दशक में की थी। साल 1910 में यह आश्रम सत्याग्रह अभियान का मुख्यालय हुआ करता था। यह अभियान ट्रांसवाल में भारतीयों के साथ किए जा रहे भेदभाव के विरोध में चलाया गया था। महात्मा गांधी की ओर से दक्षिण अफ्रीका में शुरू किया गया यह दूसरा आश्रम था। इससे पहले 1904 में उन्होंने नेटाल में फीनिक्स फार्म की स्थापना की थी।

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