वीडियो गेम से पढ़ाई को मजेदार बनाने वाली नाम्या जोशी इसलिए चर्चा में हैं

भारत में पंजाब के लुधियाना की 16 साल की अत्यंत ही प्रतिभाशाली छात्रा हैं नाम्या जोशी। उन्हें लंदन में दुनिया के सबसे बड़े एडटेक सम्मेलनों में से एक में मुख्य भाषण देने के लिए चुना गया है। इस सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर 30,000 से अधिक शिक्षक, इनोवेटर्स और चेंजमेकर्स एकसाथ शामिल होंगे। नाम्या चाहती हैं कि पढ़ाई को इतना मजेदार बना दिया जाए कि कोई भी उससे दूर न भागे।

जोशी अगले साल जनवरी में बेट (Bett) यूके में दो सत्रों का नेतृत्व करेंगी। इसमें बताया जाएगा कि खेल-आधारित शिक्षा सामाजिक-भावनात्मक विकास और आकर्षक खेल-आधारित पाठ योजनाओं के निर्माण की कुंजी क्यों हैं। महज 16 साल की उम्र में भारत में 'टॉप टेक सेवी स्टूडेंट' और एक वैश्विक शिक्षक के रूप में जोशी को श्रेय हासिल है।

नाम्या का कहना है कि मैं शो में वैश्विक एडटेक समुदाय के साथ जुड़ने का इंतजार नहीं कर सकती। मैं बताती हूं कि वीडियोगेम बच्चों को सीखने में कैसे मदद कर सकते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम सभी के पास ज्ञान है। बेट सबसे प्रेरणादायक शिक्षण नेटवर्क में से एक है।

दरअसल, छोटी सी उम्र में ही नम्या ने शिक्षा देने का तरीका बदल दिया था। वो कंप्यूटर स्क्रीन पर वीडियो गेम की मदद से दुनियाभर के बच्चों और शिक्षकों को पढ़ाती हैं। माइक्रोसॉफ्ट जैसी नामी कंपनी के सीईओ सत्या नडेला भी उनकी तारीफ कर चुके हैं।

नम्या ने स्कूल की किताबों को विडियो गेम का रूप देते हुए अपने स्कूल के बच्चों को खेलने को दिया तो देखा कि जिन बच्चों को किताब पढ़ने में अच्छा नहीं लगता था वो भी ये गेम खेलकर पढ़ रहे थे। इसके बाद तो नम्या ने लगातार लेसन बनाने शुरू कर दिए। नाम्या  'नेशनल माइनक्राफ्ट कम्पटीशन' जीत चुकी हैं। इसके बाद नम्या का नाम और काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया। पूरी दुनिया में उनकी एक पहचान बन गई।