वीडियो गेम से पढ़ाई को मजेदार बनाने वाली नाम्या जोशी इसलिए चर्चा में हैं
भारत में पंजाब के लुधियाना की 16 साल की अत्यंत ही प्रतिभाशाली छात्रा हैं नाम्या जोशी। उन्हें लंदन में दुनिया के सबसे बड़े एडटेक सम्मेलनों में से एक में मुख्य भाषण देने के लिए चुना गया है। इस सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर 30,000 से अधिक शिक्षक, इनोवेटर्स और चेंजमेकर्स एकसाथ शामिल होंगे। नाम्या चाहती हैं कि पढ़ाई को इतना मजेदार बना दिया जाए कि कोई भी उससे दूर न भागे।
जोशी अगले साल जनवरी में बेट (Bett) यूके में दो सत्रों का नेतृत्व करेंगी। इसमें बताया जाएगा कि खेल-आधारित शिक्षा सामाजिक-भावनात्मक विकास और आकर्षक खेल-आधारित पाठ योजनाओं के निर्माण की कुंजी क्यों हैं। महज 16 साल की उम्र में भारत में 'टॉप टेक सेवी स्टूडेंट' और एक वैश्विक शिक्षक के रूप में जोशी को श्रेय हासिल है।
What is one thing you think teachers should know about gamifying education? 🎮 Namya Joshi, HundrED Youth Ambassador and official Minecraft Student Ambassador by Microsoft will join us for a Global Roundtable discussing Gamified Curricula.
— HundrED.org (@HundrEDorg) May 8, 2023
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नाम्या का कहना है कि मैं शो में वैश्विक एडटेक समुदाय के साथ जुड़ने का इंतजार नहीं कर सकती। मैं बताती हूं कि वीडियोगेम बच्चों को सीखने में कैसे मदद कर सकते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम सभी के पास ज्ञान है। बेट सबसे प्रेरणादायक शिक्षण नेटवर्क में से एक है।
Namya Joshi, 13-year-old gamer hailing from Ludhiana has won ‘UNESCO Clubs Worldwide Youth Multimedia Competition’ for creating a Virtual Library of Books mapped to the UN’s Sustainable Development Goals. #BalSamvadWithPM pic.twitter.com/xd1ZCoDYzF
— Smriti Z Irani (@smritiirani) January 25, 2021
दरअसल, छोटी सी उम्र में ही नम्या ने शिक्षा देने का तरीका बदल दिया था। वो कंप्यूटर स्क्रीन पर वीडियो गेम की मदद से दुनियाभर के बच्चों और शिक्षकों को पढ़ाती हैं। माइक्रोसॉफ्ट जैसी नामी कंपनी के सीईओ सत्या नडेला भी उनकी तारीफ कर चुके हैं।
I was energized to meet so many young innovators in India this week, including Namya Joshi who is training teachers around the world on how to use Minecraft as a learning tool. Their empathy, passion and ingenuity will change our world for the better. https://t.co/iF2GxUGkSq
— Satya Nadella (@satyanadella) February 26, 2020
नम्या ने स्कूल की किताबों को विडियो गेम का रूप देते हुए अपने स्कूल के बच्चों को खेलने को दिया तो देखा कि जिन बच्चों को किताब पढ़ने में अच्छा नहीं लगता था वो भी ये गेम खेलकर पढ़ रहे थे। इसके बाद तो नम्या ने लगातार लेसन बनाने शुरू कर दिए। नाम्या 'नेशनल माइनक्राफ्ट कम्पटीशन' जीत चुकी हैं। इसके बाद नम्या का नाम और काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया। पूरी दुनिया में उनकी एक पहचान बन गई।