एक विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार लंदन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों से लंदन की इकॉनिमी में 28.8 बिलियन पाउंड (2,93,479 करोड़ रुपये) की बढ़ोतरी होती है। कमाल की बात यह है कि इस विदेशी शिक्षा बाजार में भारतीय छात्र सबसे आगे हैं।
हायर एजुकेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट (HEPI) और यूनिवर्सिटी यूके इंटरनेशनल (UUKi) द्वारा प्रकाशित 'द कॉस्ट एंड बेनिफिट्स ऑफ इंटरनेशनल हायर एजुकेशन स्टूडेंट्स टू यूके इकोनॉमी' की हाल में जारी रिपोर्ट में पाया गया है कि साल 2018—19 में फस्ट ईयर के छात्रों की संख्या में चीन सर्वप्रथम था, जबकि भारत से दूसरे नंबर पर सबसे अधिक छात्र लंदन पढ़ने आए थे।