कनाडा में सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण, मोदी का संबोधन, ट्रूडो का संदेश

आजादी के बाद 500 से अधिक देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करवाने वाले लौह पुरुष  सरदार वल्लभ भाई पटेल की पहली प्रतिमा का कनाडा में अनावरण किया गया। भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल इस प्रतिमा को मारखन के सनातन मंदिर कल्चरल सेंटर में स्थापित किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत गुजरात दिवस के अवसर पर किया गया, क्योंकि वह स्वयं भी गुजरात से ताल्लुक रखते थे।

मोदी का संबोधन, ट्रूडो ने भिजवाया संदेश

कल्चरल सेंटर के इस कार्यक्रम में रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 1000 लोग जुटे, जिसमें अधिकांश प्रवासी भारतीय और विशेषकर गुजराती मूल के लोग शामिल थे। उनके अलावा कनाडा के मंत्रियों और सांसदों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। यहां प्रवासियों के लिए वह क्षण यादगार बन गया जब पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका अभिवादन किया। इस अवसर पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने विशेष संदेश भी भिजवाया था।

कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कार्य़क्रम की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'कनाडा में सरदार पटेल के पहले स्टैचू का सनातन मंदिर कल्चरल सेंटर में अनावरण किया गया। इसमें लगभग 1000 लोग शामिल हुए जिसमें मंत्री, सांसद भी शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित किया जबकि पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खास संदेश भिजवाया।'

पीएम मोदी ने कही यह बात

भारतीय पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'कनाडा में भारतीय संस्कृति और मूल्यों को जीवंत रखने में ओन्टारियो स्थित सनातन मंदिर कल्चरल सेंटर की भूमिका से हम सब परिचित हैं। आप अपने इन प्रयासों में कितना सफल हुए हैं, आपने किस तरह अपनी एक सकारात्मक छाप छोड़ी है, अपनी कनाडा यात्राओं में मैंने अनुभव किया है।'

प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद नए मुकाम पर खड़े भारत को उसकी हजारों सालों की विरासत याद दिलाने के लिए सरदार साहेब ने सोमनाथ मंदिर की पुनर्स्थापना की। गुजरात उस सांस्कृतिक महायज्ञ का साक्षी बना था।'  उन्होंने प्रतिमा के अनावरण पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'सनातन मंदिर में सरदार वल्लभभाई पटेल का स्टैचू न केवल हमारी सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूती देगा बल्कि यह दो देशों के बीच संबंध का प्रतीक बनेगा।'