Skip to content

अमेरिका, कश्मीर से लेकर युवाओं तक...छह मुद्दों को कुरेदती है जुत्शी की लेखनी

इंडो अमेरिकन कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक जीवन जुत्शी की नई किताब 'अर्थ आन ट्रायल-फाइटिंग द विजिबल और इनविजिबल एनिमी' में कोविड जैसे इनविजिबल एनिमी से लेकर उन विजिवल दुश्मन का जिक्र है, जिससे आम लोग इन दिनों लड़ रहे हैं।

जीवन जुत्शी को एक विशेष अमेरिकी ध्वज के साथ सम्मानित करते हुए कांग्रेस सदस्य अन्ना ईशू, जो उनके सम्मान में यू.एस. कैपिटल के ऊपर फहराया गया है। फोटो: जीवन जुत्शी (Instagram)

मार्च 2020 में कोरोना के कहर से दुनिया थम गई थी। भारत, अमेरिका समेत अधिकतर देशों को लॉकडाउन का सामना करना था। ये उस वक्त की शुरुआत थी जब दुनिया एक अदृश्य दुश्मन से जंग लड़ रही थी। किसी भी तरह का भेदभाव नहीं था। गरीब हो या अमीर, विकसित देश हों या विकासशील, हर कोई इस महामारी से जूझ रहा था। घर में बैठे लोग ना सिर्फ बेचैन थे, बल्कि कहीं ना कहीं डर के माहौल में डूब-उतरा रहे थे।

इसी माहौल को समझते हुए अमेरिका में भारतीय लेखक, फिल्म प्रोड्यूसर, रियल स्टेट ब्रोकर और इंडो अमेरिकन कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक जीवन जुत्शी ने एक किताब लिखी है, जिसका नाम है- अर्थ आन ट्रायल-फाइटिंग द विजिबल एंड इनविजिबल एनिमी (Earth on trial : Fighting the visible and invisible enemies)। इस पुस्तक में कोविड जैसे इनविजिबल एनिमी यानी दिखाई ना देने वाले दुश्मन से लेकर उन विजिवल यानी दिखने वाले दुश्मन का जिक्र है, जिससे आम लोग इन दिनों लड़ रहे हैं।

फोटो: जीवन जुत्शी (Instagram)

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest