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उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को याद आया बचपन, बताया भारत में कैसे मनाते थे दिवाली

व्हाइट हाउस में आयोजित दिवाली कार्यक्रम में कमला हैरिस ने बचपन में अक्सर चेन्नई जाने और दादा-दादी के साथ दिवाली मनाने की स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने अपनी मां के समर्पण और दृढ़ निश्चय को भी याद किया।

अमेरिका के व्हाइट हाउस में अब तक के सबसे बड़े दिवाली समारोह में भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने बचपन में भारत में दिवाली मनाने की यादों को साझा किया। उन्होंने दिवाली को 'उम्मीद का दिन' बताते हुए कहा कि यह पर्व हमें उस प्रकाश को देखने में सहायता करता है जो इस दुनिया में और हर व्यक्ति में मौजूद है। यह पर्व हमें शांति, न्याय के लिए अंधकार के खिलाफ लड़ने की याद दिलाता है। दिवाली का पर्व संदेश देता है कि अंधकार के समय में रोशनी को देखा जाए।

इस दौरान कमला हैरिस ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी भारतीय-अमेरिकी मां के समर्पण और साहस को दिया। उन्होंने मां श्यामला गोपालन हैरिस को याद करते हुए कहा कि उन्हीं के समर्पण, दृढ़ निश्चय और साहस का परिणाम है कि मैं आज आपके सामने अमेरिका की उप राष्ट्रपति के तौर पर खड़ी हूं। उन्होंने बचपन में अक्सर चेन्नई जाने और अपने दादा-दादी के साथ दिवाली मनाने की स्मृतियों को साझा किया।

हैरिस ने कहा, 'बचपन में दिवाली मनाने की कई बेहतरीन यादें हैं। आप में से कई की तरह हम लगभग हर दूसरे साल भारत जाया करते थे। हम अक्सर दिवाली के मौके पर भारत जाते थे। मुझे याद है कि मैं और मेरी बहन माया आधी रात को उठकर अपने दादाजी के पास चले जाते थे। दिन में मां हमें पटाखे और फुलझड़ियां देती थीं। हम इस बेहद महत्वपूर्ण उत्सव का जश्न मनाने के लिए गलियों में जाते थे और फुलझड़ियां जलाकर दिवाली मनाते थे।'

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