Skip to content

जर्मन यूनिवर्सिटीज में आख़िर क्यों बढ़ रहा भारतीय छात्रों का रुझान

हाल के दिनों में क़रीब 70% भारतीय छात्रों ने जर्मन यूनिवर्सिटीज की ओर रुख किया है। Federal Statistical Office of Germany के मुताबिक़ शीत सत्र (2019-20) के दौरान जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या पिछले साल के मुक़ाबले 20.85% अधिक रही। जो कि संख्या में क़रीब 25,149 आंकी गई।

टेक्निकल यूनिवर्सिटी, बर्लिन जहां प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। फोटो: प्रियंवदा सहाय 

भारतीय छात्रों के लिए विदेश में उच्च शिक्षा की राह अब केवल अमेरिका और ब्रिटेन तक नहीं जाती बल्कि यूरोप के कई देशों का नाम तेज़ी से उभर कर सामने आया है। इनमें पहले पायदान पर जर्मनी का नाम है। जहां प्रत्येक वर्ष हज़ारों की संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए आते हैं।

एक अनुमान के मुताबिक़ हाल के दिनों में क़रीब 70%  भारतीय छात्रों ने विदेश में शिक्षा के लिए जर्मन यूनिवर्सिटीज की ओर रुख किया है। Federal Statistical Office of Germany के मुताबिक़ शीत सत्र (2019-20) के दौरान जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या पिछले साल के मुक़ाबले 20.85% अधिक रही। जो कि संख्या में क़रीब 25,149 आंकी गई।

 टेक्निकल यूनिवर्सिटी, बर्लिन में ऑटोनोमस सिस्टम्स की पढ़ाई कर रही भारतीय छात्रा सिमरन जर्मन युनिवर्सिटीज में लगभग नहीं के बराबर लगने वाले ट्युशन फी को छात्रों के रूझान का एक बड़ा कारण मानती हैं। फोटो: प्रियंवदा सहाय

टेक्निकल यूनिवर्सिटी, बर्लिन में ऑटोनोमस सिस्टम्स की पढ़ाई कर रही भारतीय छात्रा सिमरन साल 2019 में जर्मनी आई थी।अब उनकी यूनिवर्सिटी शिक्षा जल्द ही समाप्त होने वाली है। जब मैंने उनसे भारतीय छात्रों के बीच जर्मन यूनिवर्सिटीज की बढ़ती लोकप्रियता का कारण पूछा तो वे बताती हैं कि जर्मनी एक ऐसा यूरोपीय देश है जहां विदेशों से आने वाले छात्रों का ट्यूशन फ़ीस क़रीब शून्य है। यह नियम ग़ैर यूरोपीय संघ के देशों के छात्रों पर भी लागू होती है। जिससे छात्रों को किफ़ायती तरीक़े से अपने भविष्य की योजना बनाने का मौक़ा मिल जाता है। बेशक यहाँ रहने का खर्च ज़्यादा है लेकिन ट्यूशन फ़ीस नहीं लगने से भारतीय छात्रों को बड़ी राहत मिल जाती है। वहीं कई ऐसे विषय हैं जिनकी पढ़ाई पूरी होने पर लोगों को यहाँ रोज़गार मिलने की संभावना भी ज़्यादा रहती है। ख़ासतौर पर कंप्यूटर साइंस, रोबोटिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बेहतर संभावनाएँ हैं।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest