एक नए अध्ययन से पता चला है कि यूरोप में जलवायु संकट भविष्य के लिए नए खतरे पैदा कर रहा है। अगले कुछ दशकों में यूरोप में गर्मियों में सूखा (Summer Droughts) की समस्या दोगुना हो सकती है। साल 2080 से 2099 तक आल्प्स, फ्रांस, भूमध्यसागरीय और इबेरियन प्रायद्वीप जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी के सूखे में 50% से अधिक की वृद्धि देखी जा सकती है। वर्तमान में चल रहे जलवायु संकट का पहले से ही व्यापक वैश्विक प्रभाव पड़ा है। यूरोप में सूखे के कारण पहले से ही काफी सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लागतें आई हैं, खासकर वर्ष 2003, 2010 और 2018 में।
जलवायु अनुमानों से पता चलता है कि 21वीं सदी के अंत तक मौसम में अत्यधिक बदलाव होने की संभावना है। 'फ्रंटियर्स इन वाटर' में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि यूरोप गंभीर से लेकर अत्यधिक सूखे के भविष्य की ओर बढ़ रहा है। लेखक मैग्डेलेना मिटरमीयर ने कहा, "ग्रीष्मकालीन सूखा यूरोप में एक अत्यधिक प्रासंगिक विषय है। हम एक उच्च उत्सर्जन कार्बन परिदृश्य (आरसीपी 8.5) के तहत सदी के अंत में वर्षा की कमी और गर्मी के सूखे की ओर एक स्पष्ट प्रवृत्ति देख सकते हैं।"