जब यूरोप ने कहा ‘होली है‘

भारत में होली बेशक साल में एक बार मनाई जाती है। लेकिन आप अगर यूरोप में रहते हैं तो आपको साल में एक से ज़्यादा बार होली मनाने का मौक़ा मिल सकता है। इसके लिये फाल्गुन मास का होना ज़रूरी नहीं है बल्कि यह होली गर्मियों (जुलाई-अगस्त) के महीने में मनाई जाती है। इसका आयोजन होली फ़ेस्टिवल ऑफ़ कलर टूर के रूप में यूरोप समेत दुनिया के कई दूसरे देशों में होता है। जहां प्रवासी भारतीयों के अलावा विदेशी आगंतुकों की संख्या भी बड़े पैमाने पर होती है।

रंगों का त्योहार 'होली' न केवल एक लोकप्रिय भारतीय त्योहार है, बल्कि अब यह एक बड़ा व्यावसायिक जरिया भी बन चुका है। यूरोप में कई इवेंट कंपनियाँ भारतीय त्योहार होली को एक वैश्विक उत्सव की तरह पेश कर रही हैं। इसके बढ़ते प्रचार की वजह के होली उत्सव मोटी कमाई का ज़रिया भी बन चुका है।  

बर्लिन में गर्मी के दिनों में होली का आनंद लेते लोग। (फोटो: प्रियंवदा सहाय)

इस वैश्विक होली उत्सव कार्यक्रम के संस्थापक जैस्पर हेलमैन नाम के एक जर्मन व्यक्ति हैं। उन्होंने इस परियोजना को दो अन्य जर्मन लोगों, मैक्स रिडेल और मैक्सिम डेरेंको के साथ शुरू किया। यूरोप में सबसे पहले होली कॉन्सेप्ट जीएमबीएच द्वारा रंगों के त्योहार का आयोजन 2012 में किया गया। वे इस त्योहार के पहले यूरोपीय संस्थापक और आरंभकर्ता हैं।

दरअसल साल 2011 में, नई दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान जैस्पर ने होली की रंगों भरी मस्ती और इस त्योहार के आनंद  का अनुभव किया। वे इस त्योहार से बहुत प्रेरित थे। जब वे बर्लिन वापस आए, तो उनके मन में इस रंगीन उत्सव को कुछ  बदलावों के साथ यूरोप में लाने का विचार आया।और इस तरह 2012 की गर्मियों में, यह विचार बर्लिन में रंगों के पहले होली उत्सव के साथ एक कार्यक्रम में बदल गया, जो एक बड़ी सफलता थी। उन्होंने दुनिया भर में 22 रंग उत्सव आयोजित किए, जिसमें क़रीब तीन लाख से ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था। ठीक इसी समय इस त्योहार की अवधारणा के क़रीब दस लाख प्रशंसक फेसबुक पर "होली वर्ल्ड टूर 2014" की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह पहली बार था जब होली यूरोपीय लोगों के बीच लोकप्रिय हुई। दुनिया भर के मीडिया ने 'होली' कार्यक्रम को अच्छी समीक्षाओं के साथ कवर भी किया था।

होली फेस्टिवल टूर 2021 का शेड्यूल। फोटो: सोशल मीडिया

रंग उत्सव के प्रतिभागियों में से एक, प्रशांत विमल ने कहा कि दुनिया के वैश्विक लोगों के साथ बातचीत का मौक़ा और भारतीय होली के साथ जुड़ाव, इस इवेंट को आगंतुकों के लिए एक अनूठा अनुभव बना देता है। "मैं इस साल के होली त्योहार की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जो अगस्त में मेरे शहर में होने वाला है। मैं छह अंतरराष्ट्रीय दोस्तों के साथ वहां भाग लेने की योजना बना रहा हूं। बेशक, कोरोना की स्थिति और सुरक्षा सभी के लिए एक चिंता का विषय है लेकिन हम सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपनी योजना बना सकते हैं।

वे कहते हैं कि हवा में घुले गुलाल हर आगंतुक को अपने रंग में रंग लेता है। यहाँ आकर मतभेद, पूर्वाग्रह और अवरोध गायब हो जाते हैं और यह सांस्कृतिक विविधता और एक दूसरे के प्रति परस्पर आदर भाव के साथ मनाया जाने वाला इवेंट बन जाता है। रंगों के त्योहार के प्रशंसकों के लिए भारतीय संगीत और भोजन भी इवेंट के मुख्य आकर्षण होते हैं।