सेमीकंडक्टर में भारत की बढ़ेगी ताकत, जापान से समझौते के क्या है मायने?
सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए जापान ने भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसी के साथ जापान इस क्षेत्र में समझौता करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा क्वाड साझेदार बन गया है। नई दिल्ली में गुरुवार को भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री यासुतोशी निशिमुरा के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
India and Japan signed a Memorandum of Cooperation for developing semiconductor ecosystem in line with PM @narendramodi Ji’s vision for #MakeInIndia. (1/2) pic.twitter.com/wFJFkcaNyp
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) July 20, 2023
वैष्णव ने कहा कि जापान और भारत ने सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण, उपकरण अनुसंधान, प्रतिभा विकास और आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन लाने के लिए एक समझौत पर हस्ताक्षर किए हैं। वैष्णव ने कहा कि दोनों देश एक 'कार्यान्वयन संगठन' बनाएंगे जो सरकार से सरकार और उद्योग से उद्योग के बीच सहयोग पर काम करेगा।
🇮🇳🇯🇵 India and Japan sign semiconductor development pact.
— Swarajya (@SwarajyaMag) July 21, 2023
🤝 Jointly develop semiconductor ecosystem and resilient supply chain.
💰 Semiconductor industry projected to grow from $650bn to $1tn.https://t.co/QnBTWR3jgZ
उन्होंने कहा कि हर कोई लचीली सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला चाहता है और इसमें भारत और जापान बहुत महत्वपूर्ण साझेदार हैं। वैष्णव के मुताबिक यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अमेरिका की बहुत सफल राजकीय यात्रा के आगे का सफर है, जहां कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह आज अन्य देशों के साथ सहयोग के रूप में सामने आ रहा है।
🤝 "It is our collective aim to establish India as one of the key partners in global semiconductor supply chains."- Hon'ble PM @NarendraModi
— India Semiconductor Mission (@Semicon_India) July 20, 2023
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लगभग 100 सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्रों के साथ जापान सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में शीर्ष पांच देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग वर्तमान के 650 अरब डॉलर से 1,000 अरब डॉलर का हो जाएगा। इसके लिए बड़ी मात्रा में प्रतिभाओं, दुनिया के कई स्थानों पर महत्वपूर्ण विकास की आवश्यकता होगी। जापान भारत को एक ऐसे साझेदार के रूप में देखता है जहां एक दूसरे की ताकत और क्षमताओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि जापान में ऐसी कंपनियां हैं जो सेमीकंडक्टर, रसायन और गैस, चिप विनिर्माण उपकरण, डिस्प्ले टेक्नोलॉजी आदि में अग्रणी हैं। वैष्णव ने कहा अगर हम इस बेस को भारत ला सके तो यह एक बड़ा मील का पत्थर होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस खंड में सहयोग के लिए जापान के राज्य समर्थित सेमिकंडक्टर ओद्यौगिक निकाय रैपिडस के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
बता दें कि इस साल 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री और जापान-इंडिया एसोसिएशन (JIA) के चेयरमैन योशीहिदे सुगा से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने निवेश और आर्थिक संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा की थी।