सुकून पसंद लोगों के लिए छुट्टियां बिताने की शानदार जगह है पालमपुर

पालमपुर हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। स्थानीय भाषा में पलुम का अर्थ पानी होता है। यह शब्द पालमपुर के नाम को सार्थक करता है क्योंकि यहां पानी की कभी कमी नहीं होती है। पहाड़ों से मैदानों तक बहने वाली नदियां पालमपुर को खास बनाती हैं। पालमपुर शहर कांगड़ा जिले में बसा है। यहां से आप धौलाधार रेंज के शानदार दृश्य, शांत वातावरण और हरियाली के साक्षी बन सकते हैं। जिन्हें शांत माहौल पसंद है, उनके लिए पालमपुर छुट्टियां बिताने की अच्छी जगह है। यहां पर जानने देखने के लिए बहुत कुछ है।

पालमपुर का मनोहारी दृश्य (साभार सोशल मीडिया/@facebook)

चाय बागान : पालमपुर अपने हरे-भरे चाय बागानों के लिए भी जाना जाता है। उत्तर भारत की चाय की राजधानी के नाम से यह जगह मशहूर है। यहां आने वाले पर्यटक चाय के बागानों और मजदूरों के साथ सेल्फी लेना या फोटो खिंचाना नहीं भूलते हैं।

न्युग खड्ड : यह खूबसूरत और दर्शनीय स्थान पालमपुर शहर से लगभग 2 किमी दूर है। यह स्थान आपको धौलाधार रेंज का एक अद्भुत दृश्य प्रदान करेगा और यह एक आदर्श पिकनिक स्थल है।

मसरूर मंदिर : पालमपुर से 68 किलोमटीर की दूरी पर मसरूर का मंदिर है। इस मंदिर को कांगड़ा घाटी में 8वीं शताब्दी के प्रारंभ में चट्टानों को काटकर बनाया गया था। यह ब्यास नदी के तट पर स्थित है।

बीर बिलिंग : पालमपुर से 30 किलोमीटर दूर बीर-बिलिंग घूमने के लिए बहुत ही शानदार ठिकाना है। यह एशिया के शीर्ष पैराग्लाइडिंग स्थानों में से एक है।

एंड्रेटा : यह पालमपुर से लगभग 13 किमी दूर स्थित एक खूबसूरत गांव है। यह गांव अपनी कला के लिए मशहूर है। यह स्थान मिट्टी के बर्तनों और इन बर्तनों को बनाने वाले कलाकारों की कॉलोनियों के लिए प्रसिद्ध है।

बैजनाथ मंदिर : यह पालमपुर से मात्र 16 किमी की दूरी पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है। अपनी वास्तुकला और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।

चामुंडा देवी मंदिर : यह पालमपुर से लगभग 10 किमी दूर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। बानेर नदी के तट पर बसा यह महाकाली का मंदिर है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।