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यूक्रेन में हिंसा से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए आगे आए हिंदू मंदिर

हंगरी में भारत के पूर्व राजदूत और आईसीसीआर के डीजी कुमार तुहीन ने कहा कि बात सिर्फ भोजन-पानी और आश्रय की नहीं है, यह सेवा भाव दिखाता है कि उन्हें हम भारतीयों की परवाह भी है।

यूक्रेन पर रूस के हमले से वहां चारों तरफ तबाही का मंजर है। हवाई हमलों और रूसी सेना की गोलीबारी के कारण आम लोगों पर संकट आ गया है। ऐसे में पीड़ितों की सहायता के लिए हिंदू धर्म से जुड़ी संस्था इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) आगे आई है। इस संकट की घड़ी में भगवान श्रीकृष्ण के भक्त यूक्रेन के लोगों के लिए पालनहार बनकर प्रकट हुए हैं। मंदिरों में बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। भूखों को खाना खिलाया जा रहा है और बेघरों को शरण दी जा रही है। रूसी सेना की मिसाइल और बमों से बचने के लिए लोग यहां आकर शरण ले रहे हैं।

यूक्रेन से अब तक 2 लाख से भी अधिक लोग पलायन कर चुके हैं।

यूक्रेन से अब तक 2 लाख से भी अधिक लोग पलायन कर चुके हैं। यूक्रेन से विस्थापित होकर पोलैंड और हंगरी पहुंचे विस्थापितों को हिंदू मंदिरों की तरफ से हर प्रकार की सहायता दी जा रही है। हमले के बीच बड़ी संख्या में हंगरी की सीमा पर पहुंचे भारतीय छात्रों की मदद की गई। इस्कॉन संस्था के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने ट्वीट करके कहा कि रूस, यूक्रेन, पोलैंड, हंगरी समेत आसपास के देशों में इस्कॉन के बहुत सारे मंदिर हैं। अकेले यूक्रेन में इस्कॉन के 54 मंदिर हैं। यूक्रेन के लोगों की मदद के लिए इस्कॉन ने अपने सभी मंदिरों में निशुल्क भोजन-पानी और शरण की व्यवस्था शुरू कर दी है। ऐसे में भूख-प्यास से परेशान लोगों को मंदिरों की लोकेशन भेजकर वहां पर मदद लेने की सलाह दी जा रही है।

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