भारत को आर्थिक तौर पर उभरती ताकत के तौर पर देख रहे हैं एक्सपर्ट
भारत एक तेजी से उभरता हुआ देश है। दुनिया भर के आर्थिक विशेषज्ञ आने वाले समय में भारत में अपार संभावनाएं देख रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं इक्विटी रिसर्च एंड एनालिसिस फर्म के सीईओ डेविड रिडेल। रिडेल का कहना है कि भारत नया चीन नहीं है। भारत अपने दम पर एक उभरती महाशक्ति के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मैं भारत को लेकर बहुत उत्साहित हूं। भारत के अगले छह से 24 महीनों में उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करने की बहुत अधिक संभावना है।
डेविड रिडेल का कहना है कि निश्चित तौर पर चीन की तुलना में भारत को तरजीह देंगे। यह सही है कि चीन की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है, लेकिन चीन से आज और पहले की तुलना में भारत बहुत अलग देश है। रिडेल के अनुसार भारत अपने साधन के साथ सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है। अर्थव्यवस्था का मुद्रीकरण और डिजिटलीकरण साथ ही साथ उनकी कर संरचना में बदलाव एक बहुत बड़ा संकेत हैं। भारत मध्यम आय के जाल को तेजी से काट रहा है। मध्यम आय जाल एक आर्थिक विकास की स्थिति है, जहां बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं इस स्तर पर स्थिर हो जाती हैं। इसके साथ ही उच्च आय वाले देशों की श्रेणी में आगे बढ़ने में असमर्थ होती हैं।
India could enjoy 'some very high growth years,' says David Riedel of Riedel Research Group. pic.twitter.com/ErNEBxHaxn
— CNBC International (@CNBCi) June 30, 2023
रिडेल ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है कि भारत के पास उच्च वृद्धि वाले समय का आनंद लेने का मौका है। मुझे लगता है कि निवेशकों को इसी पर ध्यान देना चाहिए।एसएंडपी ग्लोबल और मॉर्गन स्टेनली के पिछले दिसंबर के पूर्वानुमान के अनुसार दशक के अंत से पहले भारत, जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
#6YearsOfGST has transformed India’s indirect tax system, enhanced ease-of-doing-business, unified the Indian market and helped drive domestic consumption. The transformative reform has also acted as an enabler in propelling economic growth. pic.twitter.com/zsLLy7FKJr
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 30, 2023
रिडेल के मुताबिक चीन का विकास उतना गुलाबी नहीं हो सकता है, जितना कि यह हुआ करता था। रिडेल का कहना है कि चीन अगले पांच साल में उतना मजबूत नहीं होगा जितना पिछले पांच साल में था। उन्होंने चीन में युवाओं के बीच उच्च शहरी बेरोजगारी और आपूर्ति श्रृंखलाओं की बढ़ती संख्या जैसे विपरीत परिस्थितियों का हवाला दिया। मई में चीन की युवा बेरोजगारी 16 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए 20.8% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
IMF: "China will be the top contributor to the world's economic/GDP growth over the next five years, and will be twice as much as the US."
— S.L. Kanthan (@Kanthan2030) July 1, 2023
India will also contribute more than USA.
Emergence of a multipolar world still hasn't sunk in the conscience of mainstream economists.… pic.twitter.com/ulKmzYupxY
उन्होंने कहा कि चीन ने हाल ही में उम्मीद से कमजोर आर्थिक आंकड़े भी दर्ज किए हैं, जो विकास की धीमी गति की ओर इशारा करते हैं। जून में चीन की औद्योगिक गतिविधि में एक और गिरावट दर्ज किया गया। गैर-विनिर्माण गतिविधि पिछले साल के अंत में बीजिंग द्वारा अपनी सख्त 'शून्य-कोविड' नीति को छोड़ने के बाद से सबसे कमजोर थी। उन्होंने कहा कि चीन में मुझे आज अवसर खोजने में मुश्किल हो रही है।
दूसरी ओर एनम होल्डिंग्स के निदेशक मनीष चोखानी का भी कहना है कि यह वास्तव में भारतीय वित्तीय सेवाओं का दशक और विस्तार है। उन्होंने कहा कि पूरा म्यूचुअल फंड कारोबार, निजी क्षेत्र का बैंकिंग कारोबार, वास्तव में एक दशक का विकास है।
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