क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए (ICRA) ने कहा है कि मई 2022 में भारतीय विमान वाहकों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्री ट्रैफिक 22 लाख तक बढ़ गया। एजेंसी ने कहा कि यह संख्या कोरोना वायरस महामारी से पहले यात्रा करने वाले लोगों की संख्या से अधिक है। महामारी के बाद 27 मार्च से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशंस की फिर से शुरुआत हुई थी।
आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय एयरलाइंस से मई 2020 में मई 2019 की तुलना में 24 फीसदी यात्रियों ने सफर किया। हालांकि मई 2020 में घरेलू यात्रा ट्रैफिक मई 2019 के मुकाबले सात फीसदी कम रहा। एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस साल मई महीने में भारत में घरेलू यात्रियों का ट्रैफिक 1.14 लाख के आस-पास रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक मई 2019 के मुकाबले इस साल इस महीने में एयरलाइंस की कैपेसिटी डेप्लॉयमेंट 2.1 गुना अधिक रही। मई 2021 में 27,725 लोगों ने उड़ान भरी थी। जबकि मई 2022 में यह आंकड़ा 86,289 रहा था। आईसीआरए ने कहा कि क्रमिक आधार व्यापार संचालन में देखी गई सामान्य स्थिति को देखते हुए अप्रैल 2022 की तुलना में मई 2022 में डिपार्चर की संख्या करीब छह फीसदी अधिक थी।
एजेंसी के सेक्टर प्रमुख और वाइस प्रेसिडेंट सुप्रियो बनर्जी ने कहा कि घरेलू एयरलाइंस की गतिविधियों में आई सामान्यता को देखते हुए साल 2022-23 में यात्री ट्रैफिक में अपेक्षाकृत अधिक तेजी आने की उम्मीद है। लेकिन कोरोना वायरस की कोई और लहर इस क्षेत्र के लिए नया संकट भी खड़ा कर सकती है।
आईसीआरए ने यह भी कहा है कि बढ़ते एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए घरेलू मार्गों के लिए परिणामों में पिछले 12 महीनों के दौरान 18 से 20 फीसदी की तेजी आई है। फ्यूल की बढ़ती कीमतों की वजह से भारत के एविएशन उद्योग में सुधार को तगड़ा झटका लग सकता है। इससे पहले छह जून को आईसीआरए ने भारत के एयरपोर्ट्स पर कुल अंतरराष्ट्रीय यात्री ट्रैफिक को लेकर अपने अनुमान में संशोधन किया था। एजेंसी ने कोरोना महामारी से पूर्व के स्तर के मुकाबले इसके 80 से 85 फीसदी रहने की बात कही थी। मई में ऐसे यात्रियों का वॉल्यूम कोरोना के पूर्व स्तर के 72 फीसदी को छू गया था।