Indiaspora का जलवायु शिखर सम्मेलन अप्रैल में, धरती बचाने पर होगा मंथन

वैश्विक स्तर पर भारतीय प्रवासियों के नेताओं की गैर लाभकारी संस्था Indiaspora समय-समय पर लोकहित में कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। अब वह 5-6 अप्रैल को तृतीय वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। इसमें जलवायु से जुड़ी चुनौतियां और उसके समाधान विषय पर चर्चा होगी। इस आभासी सम्मेलन में उपस्थित होने वाले दुनिया भर के वक्ता The Path to Climate Resilience विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

इनडायसपोरा के तीसरे वार्षिक शिखर सम्मेलन में मार्क टेरेशैक भी अपना विचार रखेंगे।

शिखर सम्मेलन में जलवायु संकट की चुनौतियों से सामूहिक तौर पर कैसे निपटा जाए, इस पर मंथन होगा। इसके लिए पूरी दुनिया से पर्यावरण और जलवायु से जुड़े विशेषज्ञ इसमें हिस्सा लेंगे। वे पूर्वी और पश्चिमी गोलार्ध में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों पर अपने विचार रखते हुए सुझाव देंगे। इसके अलावा जलवायु संकट से निपटने के लिए जरूरी नीतियों और उससे जुड़ी शिक्षा पर भी चर्चा करेंगे।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि जलवायु संकट से निपटने के लिए जरूरी सामूहिक प्रयास पर भी विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे। विशेषज्ञ दर्शकों के सवालों पर जवाब भी देंगे। इस दौरान दोतरफा चैट की व्यवस्था रहेगी ताकि जलवायु संकट की चुनौतियों से निपटने के लिए हो रही चर्चा में जरूरी बातें निकलकर आएं।

तृतीय वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन सबके लिए खुला रहेगा। कोई भी इसमें शामिल हो सकता है। इसके लिए कोई शुल्क नहीं है। 5 अप्रैल को होने वाले सत्र का विषय दि पाथ टू क्लाइमेट रेजिलिएंस रहेगा। इसमें दुनिया भर के वक्ता हिस्सा लेंगे जिनमें मार्क टेरेक, वरुण शिवराम, सुरिया जयंती, श्रुति एम. देवराह, अमोल फड़के, किरण भटराजु, सुशांत राव, रुद्र डालमिया आदि प्रमुख हैं।

दूसरा सत्र 6 अप्रैल को होगा। इसमें वक्ताओं के तौर पर  डॉ. अरुणाभ घोष, वीना सहजवाला, अरुण शर्मा, अनीता अर्जुनदास, गौरव गुप्ता, समीर शिशोदिया, श्लोका नाथ और प्राची शेवगांवकर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

Indiaspora के बारे में बताएं तो यह संस्था प्रवासी भारतीयों के लिए उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव और प्रभाव लाने के लिए एक बेहतरीन मंच है। संस्था समय-समय पर समाजहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित करती है।