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सिंगापुर में किसे पंसद है भारतीय गेहूं की रोटी, नहीं मिल रही, समस्या क्या है?

भले ही भारत से गेहूं का आटा कुल आयात का केवल एक छोटा सा हिस्सा है। लेकिन यहां रहने वाले भारतीयों को वही आटा रास आता है। ऐसे में सिंगापुर में कुछ भोजनालयों ने चपाती, पूरी भाजी और तंदूरी जैसे मेनू आइटम को निलंबित कर दिया है क्योंकि इन सभी को बनाने के लिए गेहूं के आटे की आवश्यकता होती है।

Photo by Paz Arando / Unsplash

मई के बाद से गेहूं के निर्यात पर भारत के प्रतिबंध ने सिंगापुर के भोजनालयों में 'नरम चपाती' की पूर्ति को प्रभावित कर दिया है। यूक्रेन में शुरू हुए युद्ध के बाद से गुणवत्ता वाले गेंहू की कमी सिंगापुर झेल रहा है और इसी के चलते सिंगापुर में आयात पर लागत तीन गुना बढ़ गई है।

Making roti with love
सिंगापुर में भारतीय भोजनालयों द्वारा भारतीय गेंहू की ही मांग ज्यादा होती है क्योंकि भारतीय गेंहू से नरम और चबाने वाली चपाती बनाने में आसानी होती है। Photo by Dulana Kodithuwakku / Unsplash

सुपरमार्केट चेन फेयरप्राइस ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में मांग बढ़ने के कारण गेहूं के आटे की आपूर्ति कम रही है। भारत से गेहूं और आटे पर प्रतिबंध इसके पीछे एक बड़ा कारण है।

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