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यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे रूसी सैनिकों के लिए राहत सामग्री भेज रहे हैं रूस में रह रहे भारतीय लोग

अभी तक भारतीय समुदाय रूस-भारत मित्रता सोसाइटी (Russian Indian Friendship Society) की पहल दिशा के तहत दवाओं की दो खेप भेज चुका है। इस सोसाइटी की स्थापना भारतीय मूल के दिग्गज पत्रकार और कारोबारी रामेश्वर सिंह ने मॉस्को में की थी।

Photo by Kevin Schmid / Unsplash

रूस में रह रहे भारतीय समुदाय के सदस्य यूक्रेन में लड़ाई लड़ रहे रूसी सैनिकों के लिए राहत सामग्री की आपूर्ति कर रहे हैं। कर्स्क सिटी असेंबली के भारतीय मूल के डिप्टी अभय सिंह ने रूसी बलों के स्थानीय कमांडर को दवाओं की पहली खेप सौंपी थी।

यह शहर यूक्रेन और रूस की सीमा के पास है। अभी तक भारतीय समुदाय रूस-भारत मित्रता सोसाइटी (Russian Indian Friendship Society) की पहल 'दिशा' के तहत दवाओं की दो खेप भेज चुका है।

इस सोसाइटी की स्थापना भारतीय मूल के दिग्गज पत्रकार और कारोबारी रामेश्वर सिंह ने मॉस्को में की थी। रूसी सैनिकों के लिए दवाओं की खेप भेजने को लेकर सिंह ने कहा कि यह तो बस शुरुआत है। हम रूसी सैनिकों और उनके परिवारों को दवाओं और अन्य जरूरी सामग्रियों की खेप भी भेजेंगे।

रामेश्वर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में 'दिशा' की टीम दोनेत्स्क और लुहांस्क की यात्रा करने की तैयारी कर रही है।

रामेश्वर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में 'दिशा' की टीम दोनेत्स्क और लुहांस्क की यात्रा करने की तैयारी कर रही है। हमें रूसी सेना की ओर से युद्ध क्षेत्र के बीच रह रही आबादी के लिए सामग्रियां भेजने के लिए रूसी सेना की ओर से अनुमति मिलने की उम्मीद है।

'दिशा' पहल की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। इसे भारतीय नागरिकों, कारोबारियों और छात्रों का समर्थन प्राप्त है। डॉ. रामेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से हैं। उन्होंने 1080 में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में सेंटर ऑफ रशियन स्टडीज में पढ़ाई की थी और 1982 में मॉस्को चले गए थे।

रूस में उन्होंने पत्रकार और व्यवसाय सलाहकार के रूप में काम किया। साल 2019 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अप्रवासी भारतीय रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था। डॉ. सिंह ने कहा कि इस युद्ध ने मॉस्को में भारतीय समुदाय के साथ रूस के संबंधों को मजबूत किया है।

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