कोरोना महामारी के डेल्टा वैरियंट की आई दूसरी लहर के बावजूद साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय आगुंतकों के तौर पर पांचवें स्थान पर सबसे अधिक भारतीयों ने अमेरिका की यात्रा की है। यह महामारी से पहले यानी 2019 से पांच स्थान उपर है। खास बात यह है कि ऐसा तब हो पाया है जब अमेरिका ने कई महीनों तक अंतरराष्ट्रीय आगुंतकों पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए हुए थे।
मिली जानकारी के अनुसार साल 2021 में लगभग 2.2 करोड़ अंतरराष्ट्रीय आगंतुक अमेरिका आए। हालांकि यह साल 2019 की तुलना में 72 फीसदी कम है। इसमें मेक्सिको से आने वाले आगुंतकों की संख्या 1 करोड़ से मामूली सी अधिक थी। इसके बाद कनाडा से 25.3 लाख आए। ये वो देश हैं जो अमेरिका से बॉर्डर साझा करते हैं। अब अगर बात करें उन देशों की जिनका अमेरिका से कोई बॉर्डर नहीं लगता तो उनमें अमेरिका जाने वालों की संख्या में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है। इनकी कुल संख्या पिछले साल यानी 2021 में 4.3 लाख थी। वहीं कोलंबिया से 10.6 लाख और यूनाइटेड किंगडम से 4. 6 लाख इसी दौरान अमेरिका आए। यह अमेरिका के वाणिज्य विभाग के आंकड़े हैं।
आंकड़े यह भी बताते हैं कि अमेरिका आने वाले विदेशी आगुंतकों में तीसरे स्थान पर भारतीयों ने अमेरिका में सबसे अधिक खर्च किया है, जबकि इसमें हवाई किराया शामिल नहीं है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में अमेरिकी यात्रा और पर्यटन के लिए आने वाले यात्रियों से संबंधित कुल खर्च 81 अरब डॉलर था। इसमें से मेक्सिको से आए आगुंतकों ने 11.7 अरब डॉलर खर्च किया। जबकि चीनी आगुंतकों ने 7 अरब डॉलर और भारतीयों ने 5.8 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत के 4.3 लाख आगंतुक 2019 के स्तर से 71 फीसदी कम थे। हालांकि एक बार अमेरिका कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले यात्रियों के लिए पूर्व-प्रस्थान परीक्षण आवश्यकताओं में ढील दे दे तो भारत से आने वाले यात्रियों की संख्या फिर से बहुत तेज गति से बढ़ेगी। इसके अलावा आसमान छू रहे ईंधन के दाम भी कम होने जरूरी हैं, जिसके हवाई किराए सामान्य स्तर पर वापस लाने से भी यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा।