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रोजगार के बदले ओमान में उत्पीड़न का हुई शिकार, ऐसे घर लौटी भारत की बेटी

फरहत रोजगार की तलाश के लिए ओमान आई थीं लेकिन उन्होंने यह बिल्कुल नहीं सोचा था कि वह उनके लिए किसी बुरे सपने जैसा होने वाला है। जिस स्पॉन्सर के जरिए वह ओमान पहुंची उसने उन्हें धोखा दिया और मारपीट करने लगे, जब उन्हें घर से निकाल दिया गया।

मस्कट में मौजूद भारतीय दूतावास ने फरहत को दिया श

रंगीन सपने दिखाकर और झूठ बोलकर उसे भारत से ओमान ले आए, कुछ दिनों बाद उसके साथ मारपीट करने लगे और आखिर में घर से निकाल दिया। भारत में उसके परिजन उसकी सलामती की दुआ मांगते रहे और वह वहां दर-दर भटकती रही। यह कहानी है भारत की बेटी फरहत की, जो लंबे संघर्ष के बाद आखिरकर अपने घर भोपाल लौट आई है।

कपड़े और मोबाइल तक छीन लिए थे

फरहत रोजगार की तलाश के लिए ओमान आईं थीं लेकिन उन्होंने यह बिल्कुल नहीं सोचा था कि वह उनके लिए किसी बुरे सपने जैसा होने वाला है। जिस स्पॉन्सर के जरिए वह ओमान आई, उसने उन्हें धोखा दिया और मारपीट करने लगे, जब उन्हें घर से निकाल दिया गया। इतना ही नहीं उनके कपड़े, मोबाइल, पासपोर्ट सब कुछ स्पॉन्सर ने अपने पास रख लिए थे। हालांकि, वह किसी तरह भारत अपने परिजन से संपर्क करने में सफल रहीं, जिन्होंने समाजसेवी सैयद आबिद हुसैन से संपर्क किया जिन्होंने फरहत को दूतावास से संपर्क करने का सुझाव दिया औऱ खुद भी प्रयास करते रहे।

दूतावास ने रहने के लिए दी जगह

फरहत मदद की आस लिए जनवरी के आखिरी सप्ताह में ओमान स्थित भारतीय दूतावास पहुंची। फरहत को इतना प्रताड़ित किया गया था कि वह दूतावास को अपने स्पॉन्सर का नाम नहीं बता पाई, जिस वजह से स्पॉन्सर के खिलाफ कार्रवाई में देरी हुई। हालांकि, दूतावास ने मामले को प्राथमिकता पर लेते हुए फरहत को रहने की जगह दिलवाई। इसके दूतावास फरहत को भारत भेजने की कोशिश में भी लग गया।

सकुशल लौट आईं फरहत

हालांकि वह दो महीने बाद भी जब भोपाल नहीं पहुंची तो आबिद  हुसैन ने दूतावास से फिर संपर्क किया। जिस पर  4 अप्रैल को दूतावास ने जवाब दिया, 'फरहत का ध्यान रखा जा रहा है। दूतावास की कोशिश है कि वह जल्द से जल्द भारत वापस पहुंचे। लेकिन ओमान की कानूनी प्रक्रिया का पालन कारण होगा। आप निश्चिंत रहें। दूतावास अपने काम में लगा हुआ है।'

चूंकि फरहत से उसका पासपोर्ट तक छीन लिया गया था जिस वजह उनके वापस लौटने में कानूनी अड़चन आ रही थी। दूतावास और स्थानीय प्रशासन की मदद से उनका पासपोर्ट स्पॉन्सर से जब्त किया गया और फिर जरूरी कार्रवाई के बाद वह भारत लौट गईं।फरहत 14 अप्रैल को एयर इंडिया के विमान से भारत पहुंची। उनके हवाई किराए की व्यवस्था दूतावास ने की थी। यह जानकारी रविवार को एमईए मदद ने ट्विटर पर दी है।

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