जर्मनी जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को अब वहां का वीजा प्राप्त करने के लिए एक अतिरिक्त दस्तावेज भी जमा कराना होगा जो उनकी शैक्षणिक योग्यता को प्रमाणित करेगा। भारत स्थित जर्मन मिशन ने घोषणा की है कि छात्रों को वीजा के लिए आवेदन करने से पहले ही एपीएस (अकादमिक इवैलुएश सेंटर) प्रमाणपत्र लेना पड़ेगा।
जिन छात्रों के पास भारतीय, चीनी या वियतनाम की डिग्री है और वे जर्मनी में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो उनके लिए यह दस्तावेज जरूरी है। सेंटर छात्रों के आवेदनों की पड़ताल भी करेगा। जर्मन मिशन ने अपनी वेबसाइट पर यह सूचना दी है और यह भी बताया है कि यह बदलाव 1 नवंबर से अमल में होगा जबकि एपीएस एप्लीकेशन 1 अक्तूबर 2022 से चालू हो जाएगी।