अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत के आध्यात्मिक गुरु से मुलाकात की। आध्यात्मिक नेता आचार्य लोकेशन मुनि ने बाइडेन को देश में बढ़ती बंदूक हिंसा की घटनाओं से निपटने के लिए अमेरिकी स्कूलों में पीस एजूकेशन यानी शांति से जुड़े पाठ्यक्रम को शुरू करने का सुझाव दिया।
जैन नेता आचार्य लोकेश मुनि वर्तमान में एक महीने के लिए अमेरिका यात्रा पर हैं। लोकेश ने पिछले हफ्ते लॉस एंजिल्स में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कार्यक्रम के इतर राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाकात की। मुनि ने बैठक के दौरान बाइडेन से कहा कि समस्या केवल बंदूकें नहीं है, समस्या मानसिकता के साथ है। इसका वास्तविक समाधान हमारे मस्तिष्क के अंदर इसी मानसिकता को प्रशिक्षित करना है। हमें प्राथमिक स्तर से ही शांति से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता है और अगर हम ऐसा करने में सफल होते हैं तो हम एक स्थायी समाधान खोज लेंगे।

दरअसल 24 मई को एक बंदूकधारी ने अमेरिकी राज्य टेक्सास के उवाल्डे में एक प्राथमिक विद्यालय में घुसकर 19 बच्चों और दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी। यह अमेरिका में लगभग एक दशक में स्कूल पर हुआ सबसे घातक हमला था। इस हमले के बाद से विभिन्न क्षेत्रों की काफी हस्तियों ने अमेरिका में बंदूक हिंसा पर लगाम कसने की अपील की है। हालांकि जैन नेता लोकेश मुनि ने इस जटिल, गहरी जड़ें और बहुआयामी मुद्दे पर एक अलग दृष्टिकोण पेश किया है।
वह कहते हैं कि बंदूक केवल एक उपकरण है जबकि वास्तविक समस्या मानव मस्तिष्क है। मैं यह केवल एक भारतीय साधु या जैन संत होने के नाते नहीं कह रहा हूं। यह एक वैज्ञानिक सत्य है। चिकित्सा विज्ञान भी स्वीकार करता है कि यदि किसी छात्र का सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम अगर पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम की तुलना में अधिक सक्रिय होता है तो वह या तो एक हीन भावना में चला जाएगा या इतना आक्रामक हो जाएगा कि जैसा आपने टेक्सास और वर्जीनिया विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा कई लोगों को गोली मारते हुए देखा है।
बंदूक हिंसा अमेरिका में अकाल मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। अमेरिकन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अनुसार अमेरिका में बंदूक से हर साल 38,000 से अधिक लोगों की मौत होती है और 85,000 लोग घायल होते हैं।