भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के रहने वाले 52 वर्षीय मनीष दवे इन दिनों यूक्रेन में चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल मनीष दवे ने एक वक्त यूक्रेन में भारतीय छात्रों को ध्यान में रखते हुए 'साथिया' नाम से एक रेस्तरां की शुरुआत की थी ताकि छात्र अपनी मिट्टी से दूरी महसूस न करें और भारतीय व्यंजनों का स्वाद लेते रहें। अब मनीष दवे कीव में जारी हमलों के बीच अपना रेस्तरां में न सिर्फ खाना परोस रहे हैं बल्कि गोलीबारी और बमबारी के वक्त अपने रेस्तरां में छुपने के लिए पनाह भी दे रहे हैं।

लेकिन कब तक आप युद्ध की इस भयंकर स्थिति में खाना मुहैया करा पाएंगे? इस जवाब पर दवे ने मीडिया को कहा कि जब तक मैं कर सकता हूं तक तक। दवे ने टेलीग्राम पर एक संदेश पोस्ट भी किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका रेस्तरां बेसमेंट में है और ऐसी स्थिति में रहने के लिए एक सुरक्षित जगह है।