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भारतीय रेस्तरां मालिक ने अय्याशी में उड़ाई कोविड मदद राशि, मिली यह सजा

रेस्तरां मालिक मंगलानंद ने अपने दिवालियापन के लिए जुलाई 2021 में आवेदन किया। आवेदन के बाद इनसॉल्वेंसी सेवा की ओर से पड़ताल शुरू की गई और तब खुलासा हुआ कि महेश ने कोविड़ सहायता राशि को शराब और जुएबाजी में बर्बाद किया था।

Photo by Taylor Friehl / Unsplash

ब्रिटेन स्थित वेल्स में एक भारतीय रेस्तरां मालिक पर 9 साल के लिए दिवालियापन प्रतिबंध लगाए गए हैं। आरोप है कि उसने कोविड फंड की अधिकांश राशि जुए और शराब में उड़ा दी। रथूड़ी महेश मंगलानंद (47) कार्डिफ़ में 'चटनी रोटी' नाम से भारतीय रेस्तरां चलाने वाले अकेले कारोबारी थे।

ब्रिटेन की दिवालिया सेवा के अनुसार रेस्तरां ने महामारी की मार से पहले ही काराबोरा बंद कर दिया था इसलिए वह कोविड के लिए मिलने वाली सहायता योजनाओं का पात्र नहीं रहा। बताया जाता है अप्रैल 2020 में मंगलानंद ने अपनी स्थानीय परिषद से GBP 25,000 अनुदान के लिए आवेदन किया और अगले महीने उन्होंने GBP 18,000 बाउंस बैक लोन की भी मांग की थी।

इसके बाद रेस्तरां मालिक मंगलानंद ने अपने दिवालियापन के लिए जुलाई 2021 में आवेदन किया। आवेदन के बाद इनसॉल्वेंसी सेवा की ओर से पड़ताल शुरू की गई और तब खुलासा हुआ कि महेश ने कोविड़ सहायता राशि को शराब और जुएबाजी में बर्बाद किया था। दिवालिया सेवा से जुड़े एक अधिकारी गेविन सीमोर ने बताया कि कोविड 19 सहायता राशि करदाताओं का वह धन है जिसे ईमानदारी के साथ व्यापार करने वालों की सहायता के लिए दिया जाता है किंतु यदि कोई उन योजनाओं का दुरुपयोग करता है तो उसे सजा मिलनी चाहिए।  

मंगलानंद ने स्वीकार किया कि उसने महामारी के बढ़ने से पहले ही व्यापार बंद कर दिया था। बकौल मंगलानंद वह खूब शराब पी रहा था और सही दिशा में नहीं सोच रहा था। मंगलानंद ने बताया कि उसने एक साल में 30,000 GBP उड़ा दिए थे। व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति राज्य सचिव क्वासी क्वार्टेंग ने नौ साल के दिवालियापन प्रतिबंधों का एक स्वीकार-पत्र मंगलानंद से प्राप्त किया है। प्रतिबंध 20 जून 2022 से लागू हो चुके हैं। इनसॉल्वेंसी सेवा की ओर से बताया गया कि अय्याशी में उड़ाई गई कोविड सहायता राशि की भरपाई के लिए कार्यवाही शुरू हो चुकी है।

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