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ग्रीन कार्ड पर ‘लक्ष्मण रेखा’ हटी तो सबसे अधिक फायदा भारतीय पेशेवरों को

अमेरिकी नागरिकता एवं अप्रवास सेवा विभाग के पास लाखों लोग वीजा पाने की लाइन में हैं। हजारों भारतीय आईटी पेशेवर भी इससे वंचित हो रहे हैं। इमिग्रेशन वॉयस संस्था इस बिल को पारित करने के लिए सक्रिय रूप से पैरवी कर रहा है। यह संस्था प्रवासियों के सामने आने वाली समस्याओं को कम करने की दिशा में काम करती है।

अमेरिकी हाउस न्यायिक कमेटी द्वारा ईगल (कानूनी रोजगार के लिए ग्रीन कार्ड की समान पहुंच) अधिनियम के मसौदे पर चर्चा मंगलवार से शुरू हो सकती है। इसके तहत रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड पर हरेक देश के लिए 7% की सीमा रेखा को हटाना प्रमुख है। चर्चा के बाद अगर यह बिल संसद से पारित हो जाएगा तो इसका सबसे अधिक फायदा भारतीय अप्रवासियों को मिलने की उम्मीद है। अमेरिका में काम कर रहे भारतीय रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए दशकों से लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

हजारों भारतीय आईटी पेशेवर भी इससे वंचित हो रहे हैं।

दरअसल, इसकी आवंटन प्रक्रिया का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीयों को हुआ है। इनके तहत किसी भी देश को इस वीजा का अधिकतम सात प्रतिशत आवंटन होता है। प्रक्रिया में हुई देरी से अमेरिकी नागरिकता एवं अप्रवास सेवा विभाग के पास लाखों लोग वीजा पाने की लाइन में हैं। हजारों भारतीय आईटी पेशेवर भी इससे वंचित हो रहे हैं। इस वजह से अमेरिका में रह रहे भारतीय परिवारों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें बच्चों के 21 साल के होने पर उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। यदि वयस्क बच्चे अमेरिका में रहना जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा का विकल्प चुनना होता है। बाद में उन्हें वर्क वीजा पर अपनी उम्मीदें लगानी पड़ती हैं।

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