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सिंगापुर: हत्या के मामले में 30 साल की सजा काट रही भारतीय मूल की महिला की अपील खारिज

पिछले साल फरवरी में गायत्री को 30 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। गायत्री के यहां काम करने वाली म्यांमार की नागरिक पियांग नगैह डोनो की 26 जुलाई 2016 को मौत हो गई थी। उसे 14 महीनों में लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।

हत्या के मामले में मिली सजा के खिलाफ नए सबूत पेश करने से जुड़ी भारतीय मूल की एक महिला की अपील को सिंगापुर की अदालत ने खारिज कर दिया है। इस महिला को साल 2016 में म्यांमार की अपनी घरेलू काम करने वाली महिला की हत्या करने के अपराध में 30 साल की सजा सुनाई गई थी।

गायत्री मुरुगयन नामक इस महिला ने अपनी अपील में अतिरिक्त सामग्री का खुलासा करने और इसे नए सबूत के तौर पर पेश करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन अपीलीय अदालत ने बुधवार को गायत्री मुरुगयन की इस अपील को खारिज कर दिया। मुरुगयन ने पिछले साल फरवरी में 28 आरोपों में अपना दोष स्वीकार किया था जिसके बाद उसे 30 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। इनमें गैर इरादतन हत्या और लंबे समय तक भूखा रखने के आरोप भी शामिल थे।

गायत्री के यहां काम करने वाली म्यांमार की नागरिक पियांग नगैह डोनो की 26 जुलाई 2016 को मौत हो गई थी। 

अपीलीय अदालत ने गायत्री मुरुगयन की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें अतिरिक्त सामग्री का खुलासा करने और 'इसे नए सबूत के रूप में पेश करने' की अनुमति देने की अपील की गई थी। अदालत ने कहा कि इन सबूतों का उसकी अपील से कोई संबंध नहीं है। चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार गायत्री की याचिका बुधवार को खारिज की गई। पिछले साल फरवरी में गायत्री को 30 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। अपने अपराधों के लिए सजा के खिलाफ गायत्री मुरुगयन की ओर से दाखिल की गई अपील पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है।

गायत्री के यहां काम करने वाली म्यांमार की नागरिक पियांग नगैह डोनो की 26 जुलाई 2016 को मौत हो गई थी। उसे 14 महीनों में लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान इसे निस्संदेह गैर इरादतन हत्या के सबसे खराब मामलों में से एक बताया था।

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