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ब्रिटेन में भारतीय मूल का ‘सम्मानित’ डॉक्टर मरीजों के यौन शोषण में दोषी

डॉक्टर कृष्णा सिंह पर चुंबन लेने, शरीर के अंगों को टटोलने, अनुचित जांच करने और गंदी बातें करने के आरोप हैं। हालांकि ग्लासगो उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सिंह ने इन आरोपों से इनकार किया। इस मामले में जांच तब शुरू हुई जब एक महिला ने उनके खिलाफ 2018 में शिकायत दर्ज कराई।

ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में अभ्यास करने वाले भारतीय मूल के 72 साल के एक चिकित्सक कृष्णा सिंह को 35 वर्षों तक 48 महिला मरीजों के साथ यौन उत्पीड़न करने के मामले में अदालत ने दोषी ठहराया है।

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने सजा का निर्णय अगले महीने के लिए टाल दिया है। साथ ही सिंह को अपना पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत पर रिहा करने की अनुमति दे दी। कृष्णा सिंह की पहचान एक सम्मानित डॉक्टर के रूप में है। चिकित्सा सेवाओं में  योगदान के लिए उन्हें रॉयल मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (एमबीई) सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।

डॉक्टर कृष्णा सिंह पर चुंबन लेने, शरीर के अंगों को टटोलने, अनुचित जांच करने और गंदी बातें करने के आरोप हैं।

डॉक्टर कृष्णा सिंह पर चुंबन लेने, शरीर के अंगों को टटोलने, अनुचित जांच करने और गंदी बातें करने के आरोप हैं। हालांकि ग्लासगो उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सिंह ने इन आरोपों से इनकार किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कुछ जांच वे थी, जो उन्होंने भारत में चिकित्सा प्रशिक्षण के दौरान सीखी थी। लेकिन अभियोजक एंजेला ग्रे ने अदालत से कहा कि डॉ. सिंह नियमित रूप से महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते थे।

रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर सिंह पर यह आरोप 1983 से 2018 के बीच के हैं। मरीजों के साथ इस तरह की हरकत मुख्य रूप से नॉर्थ लैनार्कशायर में हुई है। डॉक्टर ने इस तरह की हरकत अस्पताल में हादसे के मरीजों, आपातकालीन मरीजों, मरीजों के घर पर जाने के दौरान की। इस मामले में जांच तब शुरू हुई जब एक महिला ने उनके खिलाफ 2018 में शिकायत दर्ज कराई। एंजेला ग्रे ने कहा कि डॉक्टर सिंह अक्सर महिला मरीजों के साथ इस तरह की हरकतें करते थे। यौन अपराध उनके कामकाज का हिस्सा था।

फिलहाल डॉक्टर कृष्णा सिंह पर लगे नौ अन्य आरोप सिद्ध नहीं हुए और दो अन्य आरोपों में उन्हें दोषी नहीं पाया गया है। न्यायाधीश ने कृष्णा सिंह को थोड़ी राहत देते हुए सजा को अगले महीने तक के लिए टाल दिया है। इसके साथ ही देश नहीं छोड़ने की कोशिश किए जाने की शर्त पर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है।

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