सिंगापुर में 24 वर्षीय भारतीय मूल के एक व्यक्ति को एक कैब ड्राइवर द्वारा बुकिंग रद्द करने के बाद पीटने के लिए 10 सप्ताह की जेल की सजा सुनाई गई है। टिमोथी थिरनराज शिवराज नाम के इस शख्स ने पिछले साल अपनी बुकिंग रद्द करने पर एक निजी किराए के ड्राइवर को शारीरिक संघर्ष के दौरान घायल कर दिया था।
शिवराज ने ड्राइवर की टेलबोन फ्रैक्चर कर दी थी। इसके अलावा उसने पीटते पीटते ड्राइवर के चेहरे पर निशान छोड़ दिए थे। इस झड़प में ड्राइवर की छोटी उंगली में भी खरोंच आ गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक सिंगापुर के रहने वाले शिवराज को 41 वर्षीय ग्रैब ड्राइवर को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के इरादे से एक आरोप के लिए दोषी ठहराया है।

अदालत ने कहा गया कि शिवराज ने पिछले साल 20 जनवरी की शाम को ग्रैब राइड बुक की थी। पुंगगोल फील्ड पर एक सार्वजनिक आवास ब्लॉक पिक-अप बिंदु पर ड्राइवर ने कुछ मिनट इंतजार किया लेकिन शिवराज नहीं आया। इसके बाद ड्राइवर ने बुकिंग कैंसिल कर दी। शिवराज ने ड्राइवर से उसका इंतजार करने के लिए कहा लेकिन ड्राइवर ने ऐसा करने से इंकार कर दिया और कहा कि उसने पहले ही बुकिंग रद्द कर दी है। इसके बाद वे फोन पर बहस करने लगे।
जैसे ही ड्राइवर पुंगगोल फील्ड से बाहर निकल रहा था तभी शिवराज वहां पहुंच गया और दोनों में कहा-सुनी हो गई जिसके कारण शिवराज ने ड्राइवर को जमीन पर पटक दिया। बाद में उसने ड्राइवर को छोड़ दिया और चला गया। इसके बाद ड्राइवर ने अपने मोबाइल फोन से शिवराज का वीडियो लेना शुरू कर दिया और कहा कि वह जाए नहीं क्योंकि वह पुलिस को बुला रहा है।
इसके बाद शिवराज मुड़ा, उसने हाथ से ड्राइवर का मोबाइल फोन तोड़ा और उसे कंधों से पीछे की ओर धकेल दिया जिससे वह जमीन पर गिर गया। इस मामले को देख एक राहगीर ने मारपीट की सूचना पुलिस को दी। ड्राइवर को कुछ घंटे बाद सेंगकांग जनरल अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। ड्राइवर के चेहरे पर चोट लगी थी और पीठ के निचले हिस्से और घुटने पर अन्य मामूली चोट आई थीं।
उस समय अस्पताल ने एक्स-रे लेने से मना कर दिया था। हालांकि उसके बाद ड्राइवर की गर्दन और पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द होता रहा जो आगे झुकने पर और खराब हो गया। घटना के चार दिन बाद वह वुडलैंड्स पॉलीक्लिनिक गया और उसे पता चला कि शिवराज के धक्का के कारण उसके कोक्सीक्स (रीढ़ के आधार पर हड्डी) का एक विस्थापित फ्रैक्चर हुआ है। ड्राइवर को 11 दिनों तक मेडिकल छुट्टी पर रहना पड़ा। अदालत ने शिवराज को इसके लिए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।