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सिंगापुर: भारतीय मूल का कट्टरपंथी हिरासत में, हिंसा फैलाने की योजना थी

29 वर्षीय इस व्यक्ति को खुद से कट्टरपंथी होने के बाद सशस्त्र हिंसा में शामिल होने के लिए विदेशी संघर्ष के इलाकों में योजना बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। आईएसडी के बयान में रादजेव के धर्म का उल्लेख वहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कट्टरपंथ की ओर उसका झुकाव साल 2013 में शुरू हुआ था।

भारतीय मूल के सिंगापुर के एक नागरिक को आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (ISA) के तहत गिरफ्तार किया गया है। 29 वर्षीय इस व्यक्ति को खुद से कट्टरपंथी होने के बाद सशस्त्र हिंसा में शामिल होने के लिए विदेशी संघर्ष के इलाकों में योजना बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार इस व्यक्ति की पहचान रादजेव लाल पुत्र मदन लाल के रूप में हुई है। वह एक लॉजिस्टिक्स कंपनी में मूवर था। आंतरिक सुरक्षा विभाग (ISD) की ओर से बीते मंगलवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार उसे अप्रैल में हिरासत में लिया गया था।

आईएसडी के बयान में रादजेव के धर्म का उल्लेख वहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कट्टरपंथ की ओर उसका झुकाव साल 2013 में शुरू हुआ था, जब उसने त्रिनिदाद एवं टोबागो मूल के एक विदेशी कट्टरपंथी उपदेशक इमरान हुसैन के ऑनलाइन उपदेश देखे थे। समय के साथ इमरान हुसैन और अनवर अल-अवलाकी व मूसा सेरंटोनियो जैसे अन्य कट्टरपंथी उपदेशकों की ऑनलाइन शिक्षाओं ने रादजेव को बेहद कट्टरपंथी कर दिया। कट्टरपंथी उपदेशों के चलते साल 2007 में उस पर सिंगापुर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

अल-अवलाकी यमन मूल का अमेरिकी था, जिसने अरबी प्रायद्वीप में आतंकी गुट अल-कायदा का नेतृत्व किया था। वह सितंबर 2011 में अमेरिका के ड्रोन हमले में मारा गया था। सेरंटोनियो ऑस्ट्रेलियाई था जिसने सीरिया में सशस्त्र संघर्ष के लिए मुसलमानों को भर्ती किया था। मई 2019 में ऑस्ट्रेलिया में सेरंटोनियो को आतंकवाद से संबंधित अपराधों के लिए सात साल के लिए कारावास की सजा सुनाई थी।

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